राम नाम से करें अंत:करण की सफाई: पूज्य गुरु जी

Anmol Vachan

सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इन्सान जब तक अपने अंदर की सफाई नहीं करता। परम पिता परमात्मा के दर्शन नहीं होते। दिखावे से इन्सान, इन्सान को खुश कर सकता है, इन्सान, इन्सान को बुद्धू बना सकता है पर अल्लाह, वाहेगुरु राम, गॉड को अगर वास्तव में ही देखना चाहते हो, उसकी तमाम बरकतें, खुशियां हासिल करना चाहते हो तो अपने अंदर की मैल को साफ करो, भावना को शुद्ध बनाओ। भावना शुद्ध होगी तो यकीनन मालिक की दया, मेहर, रहमत से मालामाल हो जाओगे।

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि अपने अंत:करण की सफाई करना, अपने विचारों को शुद्ध करना बहुत ही जरूरी है। अंत:करण की सफाई, विचारों का शुद्धिकरण केवल प्रभु के नाम से ही होता है। जब तक इन्सान प्रभु का नाम नहीं लेता, भक्ति इबादत नहीं करता तब तक इन्सान मालिक की खुशियों को हासिल नहीं कर सकता। उसकी बरकतें, रहमतें मुसलाधार बरस रही हैं। ज्यों, ज्यों घोर कलियुग आ रहा है, परम पिता परमात्मा की रहमतों को पाना, उतना ही आसान होता जा रहा है।

पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि ये मत सोचो की मैं सम्पूर्ण हूं बल्कि ये सोचो कि मुझ में बहुत कमियां हैं और उनको दूर करने के लिए लगातार सुमिरन, सेवा और सत्संग की जरूरत है। पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि अगर आप सेवा, सुमिरन करते हो तो यकीनन एक दिन आएगा कि खुशियां आपकी झोली में जरूर आ जाएंगी। पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि परम पिता परमात्मा से गलत चीज कभी न मांगो, मालिक से मागना है तो अच्छे, नेक कर्म मांगो और मालिक से मालिक को मांगो। फिर आपके जीवन में बहारें आ जाएंगी और अंदर-बाहर से खुशियों से लबरेज होते चले जाएंगे।

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