नूंह में फिर ब्रजमंडल यात्रा की तैयारी या दोबारा हिंसा की बारी?

Nuh Violence
सांकेतिक फोटो

हिंदू महापंचायत में लिया गया अहम फैसला!

नूंह (सच कहूँ न्यूज)। रविवार को पलवल में हुई हिंदू महापंचायत में लिए गए फैसले से हरियाणा के नूंह में फिर ब्रजमंडल यात्रा निकालने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए 28 अगस्त की तिथि मुकर्रर की गई है। ये तारीख प्रशासन से बातचीत के बाद बदली भी जा सकती है। उल्लेखनीय है कि 31 जुलाई को इसी यात्रा के दौरान जमकर हिंसा और आगजनी में 6 लोग मारे गए थे। Nuh Violence

महापंचायत में दंगों की जांच एनआईए से कराने, नूंह के रोहिंग्या को बाहर निकालने और फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस एमएलए मामन खान को भी तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की गई। बता दें कि महापंचायत में पहुंचे गुरुग्राम जिले की सोहना विधानसभा सीट के भाजपा एमएलए संजय सिंह ने अधूरी रह गई ब्रजमंडल यात्रा को दोबारा शुरू करने का मुद्दा उठाया था। उसी के आधार पर यह यात्रा दोबारा निकालने की तैयारी की गई है।

महापंचायत में नूंह दंगों में मारे गए लोगों के परिवारों को एक-एक करोड़ का मुआवजा, सरकारी नौकरी तथा घायलों को 50-50 लाख रुपए देने की मांग की गई। इस महापंचायत में नूंह जिले को खत्म करने के अलावा हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को बदलने की मांग भी की। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव रतन सिंह सोरोत ने कहा कि दंगाइयों पर नूंह में दर्ज किए गए सभी मुकदमों को गुरुग्राम या किसी दूसरे जिले में ट्रांसफर कर वहां इनकी सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट से करवाई जाए। रैपिड एक्शन फोर्स या हरियाणा पुलिस की एक बटालियन का हेडक्वार्टर नूंह में ही बनाया जाए। नूंह या आसपास लगते गांवों में रहने वाले परिवार सेल्फ डिफेंस के मकसद से आर्म्स लाइसेंस बनवाना चाहें तो उन्हें नियमों में छूट देकर ज्यादा से ज्यादा आर्म्स लाइसेंस जारी किए जाएं।

महापंचायत में 40 हिंदू पाल एवं 12 मुस्लिम पाल शामिल | Nuh Violence

सर्वजातीय हिंदू महापंचायत की अध्यक्षता मेवात के 40 हिन्दू पाल और 12 मुस्लिम पाल के अध्यक्ष चौधरी अरूण जैलदार ने की। महापंचायत में हजारों की संख्या में हिन्दू समाज के लोग पहुंचे हैं। वहीं इस महापंचायत में हरियाणा गौरक्षा दल के उपाध्यक्ष आचार्य आजाद, सोहना के विधायक संजय सिंह, पलवल के पूर्व विधायक सुभाष चौधरी भी शामिल हुए। इस महापंचायत का डागर पाल ने बहिष्कार करने का फैसला लिया। साथ ही रावत, सहरावत, चौहान व तेवतिया पाल के पंचों ने भी अपनी सहमति जताते हुए महापंचायत का बहिष्कार किया।

पलवर की बजाय नूंह में होनी थी महापंचायत

बताया जा रहा है कि महापंचायत को पहले नूंह में किया जाना था, लेकिन प्रशासन ने कर्फ्यू और माहौल को देख इसकी आज्ञा नहीं दी, जिसके बाद पलवल की नूंह-पलवल रोड पर पोंडरी गांव में यह महापंचायत हुई। इस महापंचायत में 28 अगस्त को नूंह में ब्रजमंडल यात्रा पूरी कराने का फैसला लिया गया। महापंचायत को लेकर नूंह पुलिस पूरी अलर्ट रही।

इसमें हेट स्पीच देने वालों पर नजर रखने के लिए खुफिया तंत्र अलर्ट रहा। यहां पर जिस भी वक्ता ने स्पीच दी, उसको खुफिया एजेंसी ने रिकॉर्ड किया है। खुफिया विभाग के अधिकारियों ने महापंचायत से जुड़ी तमाम रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भिजवा दी है। उधर नूंह और पलवल बॉर्डर पर सुबह से ही पुलिस रही तैनात

सुबह से ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त | Nuh Violence

कानून-व्यवस्था ना बिगड़े इसके लिए नूंह-पलवल बॉर्डर पर नूंह के डीसी धीरेंद्र खड़गटा ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए थे। नूंह-पलवल बॉर्डर के नजदीक किरा गांव में पुलिस ने नाका लगाया था जहां पंचायती राज महकमे के एक्सईएन नरेंद्र सिंह कुंडू बतौर ड्यूटी मजिस्ट्रेट तथा नूंह के जिला नगर योजनाकार बिनेश कुमार गंगोली गांव के पास ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात थे।

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