ईएमआई में राहत की उम्मीद पर फिरा पानी

0.25 percent reduction in policy rates, home and auto loans expected to be cheap

नीतिगत दरें यथावत, विकास के पूर्वानुमान में कोई बदलाव नहीं

मुंबई (एजेंसी)। भारतीय रिजर्व की मौद्रिक नीति समिति ने आगे महंगाई के लक्षित दायरे में रहने तथा कोरोना की दूसरी लहर के बाद आर्थिक गतिविधियों के पटरी पर लौटने का हवाला देते हुए बुधवार को नीतिगत दरों को यथावत बनाए रखने के साथ ही अपने रूख को समायोजन वाला बनाए रखेगा ताकि आवश्यकता पड़ने पर नीतिगत दरों में जरूरत के अनुरूप बदलाव किया जा सके। वहीं ईएमआई में राहत की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को झटका लगा है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नी?ति समीति की आज समाप्त तीन दिवसीय पांचवीं द्विमासिक समीक्षा बैठक में सभी नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया गया। रेपो दर को चार प्रतिशत, रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी दर को 4.25 प्रतिशत और बैंक दर को 4.25 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है। नकद आरक्षी अनुपात चार प्रतिशत और एसएलआर 18 प्रतिशत पर बना रहेगा। पिछले वर्ष कोरोना के शुरू होने के बाद से यह मौद्रिक नीति की 13वीं घोषणा थी।

इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 9.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने के अपने अनुमान को यथावत रखने के साथ ही मार्च 2022 में समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई के 5.3 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया गया है। महंगाई के जोखिम को संतुलित बताते हुए समिति ने दिसंबर में समाप्त होने वाली तीसरी तिमाही में खुदरा महंगाई के 5.1 प्रतिशत और चौथी तिमाही में इसके बढ़कर 5.4 प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान जताया है। अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इसमें कुछ सुधार होने की उम्मीद जताते हुये कहा गया है कि यह उतर कर पांच प्रतिशत पर आ सकती है और इसके बाद दूसरी तिमाही में भी इसी स्तर पर रह सकती है।

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