राष्ट्र निर्माण का बजट: उद्योग

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। मोदी सरकार के वित्त वर्ष 2023-24 के (Budget) आम बजट को राष्ट्र निर्माण का दस्तावेज करार देते हुए उद्योग जगत ने कहा है कि इसमें सार्वजनिक व्यय, सतत् आर्थिक विकास दर, उपभोक्ता मांग बढ़ाने पर बल दिया गया है और राजकोषीय घाटा नियंत्रित करने के कदम उठायें गये हैं।

बजट में अर्थव्यवस्था की नब्ज को पकड़ा | Budget

भारतीय उद्योग एव वाणिज्य महासंघ (फिक्की) के अध्यक्ष शुभ्रकांत पांडा ने कहा कि यह बजट अर्थव्यवस्था के आधारों को मजबूत करने वाला और समग्रता प्रदान करने वाला है। उन्होंने कहा कि बजट में अर्थव्यवस्था की नब्ज को पकड़ा है और सार्वजनिक व्यय बढ़ाने पर जोर दिया गया है। बजट में उपभोक्ता मांग बढाने के उपाय किये गये हैं जिससे उद्योगों को मजबूती मिलेगी।

अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी

उद्योग एवं वाणिज्य संगठन (एसोचैम) के अध्यक्ष सुमंत सिन्हा ने कहा कि पूंजीगत व्यय से अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और वैश्विक मंदी का असर नहीं होगा। केंद्र सरकार सार्वजनिक व्यय बढ़ाने के लिए राज्य सरकारों को भी प्रोत्साहित कर रही है। इससे बुनियादी ढ़ांचे को मजबूती मिलेगी। एसोचैम ने कहा कि यह बजट अमृतकाल के उद्देश्य प्राप्त करने में मदद गार साबित होगा।

‘संतुलित’ बजट

भारतीय निर्यातक महासंघ (फियो) के अध्यक्ष ए.शक्तिवल ने कहा है कि आम बजट को विकासोन्मुखी, दीर्घकालीन, रोजगार सृजित करने वाला और आर्थिक विकास दर को रफ्तार देने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि सीमा शुल्क में बदलाव करने से भारतीय उत्पादों को प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी।

भारतीय इंटरनेट एवं मोबाइल संघ ने कहा कि बजट में डिजिटल इंडिया को बढावा देने के प्रावधान किये गये हैं। इससे भारत डिजिटल के क्षेत्र में दुनिया में एक आदर्श बनकर उभरेगा। नरेडको के उपाध्यक्ष डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने इस बजट को आर्थिक दृष्टि से ‘संतुलित’ बजट बताया है। उन्होंने कहा कि इस बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर में पूंजीगत व्यय को 10 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाकर भारत के आर्थिक विकास पर समुचित ध्यान दिया गया है। रियल एस्टेट से संबंधित अलग-अलग क्षेत्रों पर इसका काफी अच्छा असर दिखाई देगा।

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