श्रीगंगानगर (सच कहूँ न्यूज)। सेंट्रल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने एक और कार्रवाई करते हुए श्रीगंगानगर की एक ट्रांसपोर्ट कंपनी से लगभग 5 लाख रुपए मूल्य की नशीली गोलियां बरामद की हैं। एनसीबी की टीम 2 दिन तक इस ट्रांसपोर्ट कंपनी के आसपास घेरा डाले इंतजार करती रही कि यह नशीली गोलियां लेने कोई आएगा तो उसे काबू कर लिया जाएगा। इंतजार करने के बाद भी कोई नहीं आया। आशंका जताई जा रही है कि नशीली गोलियों की डिलीवरी प्राप्त करने वाले नशे के सौदागर को कहीं भनक लग गई और वह दवाओं की खेप लेने के लिए ट्रांसपोर्ट कंपनी में आया ही नहीं। आखिरकार कल शाम को दवाओं को जब्त करते हुए एनसीबी के जोधपुर स्थित मुख्यालय में अज्ञात व्यक्ति पर एनडीपीएस एक्ट में मामला दर्ज कर लिया गया। एनसीबी के सूत्रों के मुताबिक विगत मंगलवार को गुप्त से जानकारी मिली की नशीली दवाओं की एक कंसाइनमेंट जोधपुर से श्रीगंगानगर में बीकानेर गोल्डन ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन के गोदाम में पहुंची है।
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यह कंसाइनमेंट जोधपुर में किसी व्यक्ति ने दो काटूर्नों में श्रीगंगानगर के लिए बुक करवाई।अन्य माल के साथ ट्रक में यह कार्टून मंगलवार सुबह श्रीगंगानगर पहुंच गए। इस बीच एनसीबी को अपने गोपनीय सूत्रों से इसकी जानकारी मिल गई। एनसीबी के लगभग 15 सदस्य कल शाम तक दोनों कार्टून को लेने के लिए किसी व्यक्ति के आने का इंतजार करती रही। इस बीच टीम में शामिल एनसीबी के वरिष्ठ अधिकारियों ने कार्टून पर लिखे नाम और मोबाइल नंबर से डिलीवरी प्राप्त करने वाले शख्स की जानकारी जुटाने की कोशिश की। मोबाइल नंबर फर्जी पाए गए। कार्टून पर जो मोबाइल फोन नंबर लिखा था वह बंद था। कार्टून पर नाम गजा अड्डा लिखा हुआ था। हालांकि एनसीबी सूत्रों का कहना है कि यह नाम संभवत: गजानंद होगा, जो जोधपुर में बुकिंग करते समय इस पर गलती से गजा अड्डा लिखा गया।
एनसीबी के अधिकारियों ने स्थानीय जिला औषधि नियंत्रक विभाग से भी गजानंद के नाम से कोई ड्रग लाइसेंस जारी है या नहीं इसकी भी जानकारी मांगी गई। विभाग की ओर से बताया गया कि इस नाम से किसी को ड्रग लाइसेंस जारी नहीं है।लिहाजा अब माना जा रहा है कि गजा अड्डा या गजानंद नाम भी फर्जी है। एनसीबी सूत्रों के मुताबिक दोनों कार्टून में कुल मिलाकर 30 हजार 407 गोलियां बरामद हुई हैं। इनकी कीमत लगभग 5 लाख रुपए आंकी गई है। अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/22-सी के तहत एनसीबी ने अपने जोधपुर मुख्यालय में मुकदमा दर्ज किया है।आज इसकी जानकारी यहां एनडीपीएस एक्ट मामलों की विशेष कोर्ट को भी दी गई। एनसीबी की एक टीम अब जोधपुर में उस ट्रांसपोर्ट कंपनी पर जांच कर रही है,जहां से यह कार्टून बुक करवाए गए थे।
ट्रांसफर कंपनी और इसके आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से बुक करवाने के लिए कार्टून लाने वाले शख्स की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। इन दवाओं की जब्ती करने वाली टीम में भीलवाड़ा के जिला अफीम अधिकारी डीके सिंह, इंस्पेक्टर विपिन गुप्ता और राजेश बालिया,सब इंस्पेक्टर सुरेंद्र, जगजीत व हेमंत और हवलदार समर्थ गणावा तथा विष्णु दास वैष्णव शामिल रहे। उल्लेखनीय है कि इसी टीम ने तीन दिन पूर्व सादुलशहर में एक नशा मुक्ति केंद्र की आड़ में नशा करने वालों को अवैध रूप से नशीली गोलियां देने के आरोप में एक डॉक्टर सहित 4 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था।उम्मीद नशा मुक्ति केंद्र पर मारे गए छापे के दौरान लगभग 20 लाख रुपए मूल्य की डेढ़ लाख नशीली गोलियां बरामद हुईं। पकड़े गए व्यक्तियों में इस केंद्र के संचालक भी शामिल हैं।कोर्ट में पेश करने पर इन चारों व्यक्तियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अब एनसीबी की टीम ट्रांसपोर्ट कंपनी पर जब्त दवा के मामले की जांच करने में लगी है।
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