जीएसटी के संकट में फंसा मंडी बोर्ड

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जीएसटी लागू होते ही खत्म होगी मार्केट फीस

  •  फसल पर दो प्रतिशत फीस वसूल रहा है मंडी बोर्ड
  • हर साल मंडी बोर्ड इक्ट्ठे करता है 700 करोड़ रुपए
  • मंडी बोर्ड के अधिकारी मंथन करने जुटे

चंडीगढ़ (अश्वनी चावला)। देश के टैक्सचक्र को एक सूत्र में बांधने जा रहा जीएसटी पंजाब के मंडीकरन बोर्ड को बड़े संकट में डाल देगा। यदि मंडीकरन बोर्ड के हक में पंजाब सरकार ने एक जुलाई को जीएसटी के लागू होने से पहले पहले कोई समाधान न निकाला तो पंजाब में भी जीएसटी लागू हो जाएगा जिससे बोर्ड को भारी नुकसान होने की संभावना है।
हालांकि जीएसटी लागू होने के बाद होने वाले बड़े नुक्सान से किस तरीके साथ बचा जाए, इस संबंधी मंडी बोर्ड के अधिकारी मंथन में जुट गए हैं लेकिन उनका मंथन उस वक्त तक कारगर साबित नहीं हो सकता है, जब तक वित्त विभाग के अधिकारी उस मंथन के तरीके को जीएसटी अनुसार पास नहीं कर देते हैं।

विस में मिलेगी मंजूरी

जानकारी अनुसार केंद्र सरकार द्वारा देश भर में जीएसटी लागू करने संबंधी आखिरी तारीख 30 जून तय की है। केंद्र सरकार के बाद लगातार एक के बाद एक राज्य सरकारों को जीएसटी को विधान सभा में पास करते हुए लागू करना होगा। जीएसटी को पंजाब विधान सभा में जून के दूसरे सप्ताह से शुरू होने वाले विधान सभा में बजट सैशन में पास कर दिया जाएगा, जिसके बाद पंजाब में भी 1 जुलाई से जीएसटी लागू हो जाएगी।

700 करोड़ पर चलेगी कैंची

जीएसटी लागू होने से मंडी बोर्ड बर्बादी की कगार पर पहुंच जाएगा। यही नहीं मार्केट फीस वसूलकर अपना रोटी फुलका चलाने वाले बोर्ड को 700 करोड़ रुपए से ज्यादा वार्षिक नुक्सान झेलना पड़ सकता है।

नहीं लगेगा कोई टैक्स

जीएसटी में हर प्रकार की फसल व सब्जी सहित फल फ्रूट को टैक्स स्लैब से बाहर रखा गया है। इसके लागू होने से फसल सहित फल फ्रूट व सब्जी पर न ही कोई टैक्स ले सकेगा और न ही कोई फीस लगेगी। पंजाब में मंडीकरन बोर्ड हर साल किसानी फसलों के साथ ही सब्जी व फल फ्रूट की बिक्री पर 2 प्रतिशत मंडी फीस वसूल रहा है, जिसके कुल 700 करोड़ रुपए बनते हैं।

खुद टैक्स नहीं वसूल  सकेगी सरकार

नियमों के अनुसार यदि पंजाब सरकार मंडी करन बोर्ड को बचाने के लिए कोई अपनी निजी टैक्स या फिर फीस लगाना चाहती है तो उन्हें जीएसटी बिल लागू होने से पहले तैयार करते हुए पास करना होगा। नहीं तो जीएसटी लागू होने के बाद सरकार किसी भी तरह का खुद टैक्स नहीं वसूल सकेगी, इसीलिए सरकार के पास मंडी बोर्ड को बचाने के लिए ज्यादा समय तक नहीं है।

बंद होगा ग्रामीण विकास फंड

पंजाब राज मंडीकरन बोर्ड द्वारा 2 प्रतिशत मार्केट फीस के साथ 2 प्रतिशत ग्रामीण विकास फंड भी इकट्ठा किया जाता है। इससे गांवों की नुहार बदलने व गांवों को जाती लिंक सड़कों के विकास पर ही खर्चा जाता है। यदि जीएसटी लागू होने से पूर्व कोई नियम लागू करते हुए इसका हल नहीं निकाला तो ग्रामीण विकास फंड ही बंद होगा। इससे गांवों की लिंक सड़कों का कैसे विकास होगा, इस सम्बन्धित किसी के पास जवाब नहीं है।

जुटे हुए हैं हम, जल्द निकालेंगे हल: लाल सिंह

मंडीकरन बोर्ड के अध्यक्ष लाल सिंह ने कहा कि उन्हें भी जीएसटी लागू होने से नुक्सान का अंदाजा है, इसीलिए वह हल निकालने के लिए जुटे हुए हैं। अधिकारी भी अपने तरफ से हर संभव कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जीएसटी के लागू होने से पूर्व इसका हल निकाल लिया जाएगा ताकि मंडी बोर्ड किसी भी संकट में न आए।

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