संघर्ष का दूसरा नाम है कंचन कटारिया

Kanchan Kataria

परिजनों का नहीं मिला साथ, फिर भी बनी मिस सरसा 2019

  • एंकरिंग, मॉडलिंग, डांसिंग के अलावा सामाजिक भलाई कार्यो में करती है सहयोग
  •  कंचन कटारिया से प्रशिक्षण लेकर बच्चे डांस इंडिया डांस में मचा चुके है धमाल

सच कहँ/सुनील वर्मा
सरसा। ख्वाब टूटे हैं मगर हौंसले जिंदा हैं-हम वो हैं, जहां मुश्किलें भी शर्मिंदा हैं। ये पंक्तियां अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मिस सरसा-2019 चुनी गई समाजसेविका व डांस एकेडमी चलाने वाली कंचन कटारिया पर बिल्कुल स्टीक बैठती हैं। बहुमुखी प्रतिभा की धनी कंचन एक डांसर,अभिनेत्री, स्टेज एंकर और मॉडल तो है ही साथ में उनके डांस सिखाये बच्चे डांस इंडिया डांस में अपना जलवा बिखेर चुके हैं। उनकी इस कामयाबी से परिवार के साथ ही क्षेत्र में खुशी की लहर है। शहर के हिसार रोड स्थित निशूराज रिसोर्ट में साईं सर्व कल्याण चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा मिस सरसा 2019 प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें जिलाभर की करीब 16 प्रतिभाागियों ने शिरकत की।

– संघर्ष की कहानी मिस सरसा की जुबानी

मिस सरसा चुनी गई कंचन कटारिया बताती है कि सफलता व कामयाबी की चाहत तो सभी रखते हैं, लेकिन सफलता को पाने के लिए किए जाने वाले संघर्षों से हर कोई कतराता रहता हैं। अपने संघर्ष की कहानी बताते हुए कंचन कटारिया कहती है कि मॉडलिंग का शोंक तो उन्हें बचपन से ही था। लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण व प्रतिभा प्रदर्शित करने के लिए मंच नहीं मिलने पर वह थोड़ा मायूस थी।

दूसरी ओर पुरातन समय में लोग मॉडलिंग-डांसिंग को गलत नजरिए से देखते थे। जिस कारण ना मेरे मायके वाले और ना ही ससुराल वाले कभी मॉडलिंग व डांसिंग को पसंद करते थे। मगर मॉडलिंग व डांसिंग ओर एक्टिंग करना हमेशा अच्छा लगता था। जिस कारण मैने इन्हें अपनी जिंदगी में जारी रखा। शुरुआत में शादी-विवाह में होने वाले लेडिज़ संगीत में जब मेरे परिवार को बुलाया जाता तो मैं भी परिवार के साथ वहां चली जाती और मुझे जैसा भी डांस आता था,वैसा वहां मैं करती थी। धीरे-धीरे शादी के बाद मैंने इसे प्रोफेशनल बना लिया। आंखों से खुशी के छलक रहे आंसू पोंछते हुए उन्होंने बताया कि उन्हें यह खिताब जीवन के साथ बहुत संघर्ष के बाद मिला हैं।

रामलीला में निभाती है कैकेयी व शूर्पणखा का किरदार

कंचन कटारिया शहर में रामा कल्ब द्वारा आयोजित होने वाली रामलीला में कैकेयी, शूर्पणखा, सीता की सखी व वेदवती जैसे मुख्य किरदार निभा चुकी हैं। वहीं एंकरिंग में भी अपनी प्रतिभा जगजाहिर कर चुकी हैं। सबसे पहले लुधियाना के सिल्वर स्पून होटल में धनतेरस पर एंकरिंग की शुरुआत की थी। इसके पश्चात सरसा के रिद्धि सिद्धि रिसोर्ट में भी अपनी दमदार आवाज से स्टेज एंकरिंग कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।

मुकाबला था कड़ा, 16 प्रतिभागियों ने दिखाया था हुनर

मिस सरसा 2019 प्रतियोगिता में मुकाबला बहुत ही कड़ा था। 16 प्रतिभागियों के बीच कंचन ने उम्दा प्रदर्शन की बदौलत यह मुकाम हासिल किया। हालांकि अंतिम चरण में बेहद रोचक स्पर्धा देखने को मिली। जजमेंट ज्यूूरी की स्टिकता ने कंचन के  एक साथ डांसिंग, मॉडलिंग, स्टेज एंकरिंग जैसे विभिन्न कला विधाओं में उनके हुनर को पहचाना और उसे मिस सरसा 2019 के खिताब के लिए चुना।

 सामाजिक कार्यो में भी रहती है अग्रणी

मूल रुप से उत्तरप्रदेश के सहारनपुर की रहने वाली कंचन एंकरिंग, एक्टिंग, मॉडलिंग, डांसिंग के अलावा समाजसेवा के क्षेत्र में भी अपना विशेष योगदान देती हैं। इन कार्यो में वह झुग्गी-झोपडिय़ों में जाकर जरुरतमंदों को मौसम के अनुसार वस्त्र, फल, अनाज वितरण करती है। वहीं अपनी डांस एकेडमी पर गरीब बच्चों को फ्री में डांस भी सिखाती हैं। इसके अलावा समय-समय पर रक्तदान शिविर व अन्य प्रतिस्पर्धाओं के आयोजन में भरपूर सहयोग करती हैं।

समाज के नाम अपने संदेश में कंचन कहती है कि महिलाओं व लड़कियों को सबसे पहले यह तय करना चाहिए कि उन्हें जाना किस फील्ड में हैं और किस क्षेत्र में अपना करियर बनाना हैं। इसके पश्चात जिस काम में भी उन्हें रूचि है उसे वह अपना पैशन बनाए और फिर उस काम को आगे लेकर जी जान से जुट जाए। कोई आपकी मदद करें या ना करें लेकिन कड़ी मेहनत करके और भगवान को याद करते हुए आप अपने काम को आगे बढ़ाते हुए एक दिन मंजिल पर जरूर पहुंच जाओगी। वहीं उन्होंने शहरवासियों से आह्वान किया है कि अगर कोई आर्थिक रुप से कमजोर बच्चे (लड़के व लड़कियां) डांस,एक्टिंग,मॉडलिंग, एंकरिंग में अपना करियर बनाना चाहते है तो वह उन्हें फ्र ी में कोचिंग देने के लिए तैयार है।

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