सरसा में देखा गया हिमालयन ग्रिफन वल्चर नस्ल का गिद्ध

Himalayan Griffon Vulture

इस प्रजाति के गिद्ध तिब्बत व हिमालय
की पहाडिय़ों में मिलते हैं और यह प्रजाति लुप्त हो चुकी है

सरसा (सुनील वर्मा)। सरसा में लापता हो चुकी गिद्ध की प्रजातियों में से (Himalayan Griffon Vulture) हिमालयन ग्रिफन वल्चर नस्ल का गिद्ध देखा गया है। पंजाब के श्री मुक्तसर साहब क्षेत्र में घायल मिले इस गिद्ध को रेस्क्यू कर सरसा लाया गया और यहां हिसार रोड स्थित बर्ड एंड एनिमल वेलफेयर शेल्टर हाऊस में इसका उपचार चल रहा है। शेल्टर हाउस के संचालक जसपाल सिंह ने बताया कि इस प्रजाति के गिद्ध तिब्बत व हिमालय की पहाडिय़ों में मिलते हैं और यह प्रजाति लुप्त हो चुकी है। यह पक्षी मुख्य रूप से मृत पशुओं का मांस खाता है।

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पंखों के फैलाव का साइज आठ से दस फीट | Himalayan Griffon Vulture

पशुओं को लगाए जाने वाले दर्द निवारक इंजेक्शन डिक्लो नेक के साल्ट के चलते इन पक्षियों का अस्तित्व खतरे में पड़ा है। 80-90 के दशक में इनकी संख्या काफी अधिक थी परंतु अब लुप्त हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि ये पक्षी एक मृत याक को दो घंटे में खा सकते हैं। करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर तिब्बत के पठार पर घोसलें बनाकर अंडे देते हैं। इसके पंखों के फैलाव का साइज आठ से दस फीट है। पिछले 12-13 दिनों से यह पक्षी उनके पास है।

एंबुलेंस से सरसा लाया गया

मंगलवार दोपहर को यह पक्षी उड़ गया था परंतु बुधवार सुबह आठ बजे फिर से लौट आया। जसपाल ने बताया कि इस पक्षी को श्री मुक्तसर साहब निवासी जसविंद्र बराड़ डबवाली तक लेकर आया। वहां से इसे एंबुलेंस से सरसा लाया गया। इसके दाये कंधे में दर्द था। जिस कारण यह उड़ नहीं पा रहा था। अब फिर से उडऩे लगा है। वन्य जीव विभाग के अधिकारियों ने भी यहां आकर इस पक्षी को देखा है। यह पक्षी सामाजिक है, किसी इंसान अथवा पशु पक्षी पर हमला नहीं करता। सिर्फ मृत पशु का मांस खाता है।

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