खाद्य पदार्थों में तरल नाइट्रोजन पर बैन

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बैन। प्रदेश में पेय एवं खाद्य सामग्री में तरल नाइट्रोजन की फ्लशिंग एवं मिश्रण पर प्रतिबंध

  • नपेंगी उल्लंघन करने वाली कंपनियां, होगी कानूनी कार्रवाई

चंडीगढ़(सच कहूँ न्यूज)। प्रदेश सरकार ने लोगों के स्वास्थ्य के हित को ध्यान में रखते हुए किसी भी पेय पदार्थ एवं खाद्य सामग्री में तरल नाइट्रोजन की फ्लशिंग एवं मिश्रण पर प्रतिबंध लगाया है। ऐसा करने पर खाद्य व पेय पदार्थ निमार्ता के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी। खाद्य एवं औषध प्रशासन विभाग के आयुक्त (खाद्य सुरक्षा) डॉ. साकेत कुमार ने बताया कि इस आशय का आदेश खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम,2006 (2006 का केन्द्रीय अधिनियम 34) की धारा 34 के तहत जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि चिकित्सा विशेषज्ञों की राय के अनुसार तरल नाइट्रोजन की फ्लशिंग एवं मिश्रण से तैयार पेय पदार्थ या खाद्य सामग्री का सेवन हमारे लिए बहुत हानिकारक है।

खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के नेतृत्व में गठित होंगी टीमें

उन्होंने प्रदेशभर के पेय और खाद्य पदार्थ निर्माताओं व विक्रेताओं को निर्देश दिए है कि वे ऐसे पदार्थों में तरल नाइट्रोजन का प्रयोग न करें। उन्होंने बताया कि इसके लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारी के नेतृत्व में टीमों का गठन करके ऐसे पदार्थो की जांच भी कारवाई जाएगी। किसी भी पेय और खाद्य पदार्थ में तरल नाइट्रोजन रसायन पाए जाने पर नियमानुसार सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

ये हैं तरल नाइट्रोजन के नुक्सान

तरल नाइट्रोजन का तापमान अत्यंत कम होने के कारण इसके सम्पर्क में आने से हमारे शरीर के ऊतकों (टिशु) के क्षतिग्रस्त होने के अतिरिक्त शीतदंश (फ्रोस्टबाइट) और क्रायोजेनिक ज्वलनशीलता हो सकती है। तरल नाइट्रोजन से बने खाद्य या पेय पदार्थों के सेवन से शरीर में अत्यधिक आंतरिक क्षति होने और मुंह एवं आंत्रिक टैक्ट में ऊतक के नष्ट होने की संभावना रहती है। इसके अलावा, तरल नाइट्रोजन के वाष्पीकरण के दौरान बड़ी मात्रा में गैस निकलती है इसलिए यदि भारी मात्रा में इसका सेवन किया जाए तो पेट फटने की संभावना भी रहती है।

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