कोरोना को हराने के लिए लॉकडाउन का करो दिल से पालन

Lockdown Extended
कोरोना वायरस के संक्रमण पर डब्ल्यूएचओ के निदेशक डॉक्टर माइकल जे रायन ने कहा है कि कोरोना वायरस का भविष्य में कैसा असर रहेगा यह भारत पर निर्भर है, उन्होंने कहा कि भारत ने पहले भी ऐसे दुश्मनों को हराया है। आज विपत्ति की इस घड़ी में विश्व बेहद उम्मीदों के साथ भारत की तरफ देख रहा है।
कोरोना वायरस को हराने में भारत की केंद्र व सभी राज्यों की सरकार के साथ-साथ जिम्मेदार नागरिकों ने अपनी पूरी शक्ति लगा दी है, क्योंकि कोरोना वायरस के संक्रमण की हमारे यहाँ पर अभी तक कम्युनिटी ट्रांसमिशन की स्टेज नहीं आई है। बचाव के उपाय करके हमकों इस स्टेज को अपने प्यारे भारत देश में आने से हर हाल में रोकना है, इसलिए देश को कोरोना वायरस के संक्रमण से और खुद को व अन्य सभी लोगों को बचाने के लिए आराम से घर में रहकर भीड़-भाड़ से बचाव ही इसका एक मात्र सबसे कारगर उपचार है, इस समय सरकार के द्वारा जारी किसी भी एडवाईजरी की अनदेखी करना हम सभी देशवासियों को बहुत भारी पड़ सकता है।
22 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवाह्न पर जनता कर्फ्यू के दौरान देशवासियों की गम्भीरता व सजगता पूर्ण व्यवहार को देखकर लगा था कि हम सभी भारतवासी एकजुट होकर के कोरोना वायरस से जंग लड़कर के संक्रमण से देश को जल्द ही मुक्त करके विश्व समुदाय के लिए एक बहुत बड़ी नजीर बनेंगे, अपने उचित व्यवहार, संयम व संकल्प की ताकत से हम सभी मिलकर इस वायरस के संक्रमण को देश में फैलने से जल्द ही रोकेंगे। लेकिन बेहद अफसोस चिंता, शर्म व क्षोभ की बात यह है कि 23 मार्च को देश के अलग-अलग भागों से जिस तरह की भयावह भीड़-भाड़ वाली तस्वीर आयी है, उस स्थिति ने देश के कर्ताधर्ताओं को चिंता में डाल दिया है।
लॉकडॉउन किये जिलों में कुछ क्षेत्रों को छोड़कर, अधिकांश में जिस तरह से गलियों में इकट्ठा होकर लोगों के जमघट को बातें बनाते देखा गया, गलियों में इकट्ठा होकर खेलते लोग देखे गये, जगह-जगह सड़कों पर वाहनों में घूमते लोग और बसों में छत तक पर ठसाठस भरे लोग नजर आये थे, कानून को ठेंगा दिखाकर लोगों की जिस तरह की भीड़-भाड़ भरे झकझोर देने वाले हालात देश में नजर आये हैं, यह लापरवाही कोरोना वायरस के संक्रमण को देश में बेहद बड़े स्तर पर सामुदायिक स्तर पर फैलने के लिए बहुत ज्यादा मददगार साबित हो सकती है, भीड़भाड़ वाली यह स्थिति उन सभी क्षेत्रों में कोरोना वायरस को बड़े पैमाने पर फैला सकती है, जिस-जिस क्षेत्र के लोग उस भीड़ का हिस्सा थे। कुछ लोगों के द्वारा महामारी कोरोना से बचाव व सुरक्षा उपाय के नियमों की इस तरह अव्हेलना की स्थिति हमारे सीमित संसाधनों वाले प्यारे भारत देश व उसके निवासी समाज के हित में ठीक नहीं है, भीड़ का हिस्सा बनने वाले लोगों की एक लापरवाही भरी हरकत ना जाने कितने लोगों की जान खतरे में डाल सकती है।
लॉकडाउन पर बनी इस भीड़भाड़ भरी हालात पर कल सोमवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके सख्त नाराजगी व्यक्त कर दी थी, उन्होंने ट्वीट से देश की जनता से अपील की है कि- “लॉकडाउन को अभी भी कई लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। कृपया करके अपने आप को बचाएं, अपने परिवार को बचाएं, निदेर्शों का गंभीरता से पालन करें। राज्य सरकारों से मेरा अनुरोध है कि वो नियमों और कानूनों का पालन करवाएं।” जिसके बाद भीड़भाड़ के हालात पर नियंत्रण करने के लिए महाराष्ट्र, पंजाब, चंडीगढ़ व पुडुचेरी ने तो राज्य में कर्फ्यू तक लगा दिया है और देश में लॉकडाउन का दायरा तेजी से बढ़कर अब 32 राज्यों के 560 जिलों तक विस्तारित हो गया है, ये राज्य हैं- चंडीगढ़, दिल्ली, गोवा, जम्मू-कश्मीर, नागालैंड, राजस्थान, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, लद्दाख, झारखंड, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, त्रिपुरा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, आन्ध्रप्रदेश, मेघालय, मणिपुर, तमिलनाडु, केरला, हरियाणा, दमन दीव-दादर-नगर हवेली, पुडुचेरी, अंडमान निकोबार, गुजरात, कर्नाटक, असम, मिजोरम, और सिक्किम है।
जिस तरह से कुछ लोगों की लापरवाही व जानलेवा हठधर्मिता के चलते आज देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में लगातार बहुत तेजी से इजाफा हो रहा है, वह स्थिति बेहद चिंताजनक है। अभी तक के आकड़ों की बात करें तो देश में अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण से 10 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच कोरोना वायरस के संक्रमित मामलों की संख्या भी मंगलवार दोपहर तक 511 हो गई है, जबकि 37 लोग ठीक हो गये हैं। देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति धीरे-धीरे अब चिंताजनक होती जा रही है। विश्व में कोरोना से संक्रमण के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं, इसने 190 देशों को अपनी चपेट में ले लिया है। इससे संक्रमित लोगों की संख्या दुनिया में बढ़कर लगभग 3 लाख 60 हजार हो गई है। दुनिया में कोरोना वायरस ने 16558 लोगों की जान लेकर के चिकित्सा वैज्ञानिकों, डब्ल्यूएचओ, यूएन से लेकर चिकित्सा जगत के सभी विश्वस्तरीय दिग्गजों को भी परेशानी में डाल दिया है।किसी को भी कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने का कोई ठोस स्थाई सरल उपाय नहीं सूझ रहा है।
लेकिन भयावह स्थिति में एक बहुत बड़ी खुशखबरी यह है कि दुनिया भर के लगभग 1 लाख 337 लोगों ने जानलेवा कोरोना वायरस के संक्रमण से अपने हौसले व डॉक्टरों की चिकित्सा और सलाह के बलबूते जंग जीत ली है। जिस खतरनाक कोरोना वायरस के खौफ के कारण दुनिया के 100 करोड़ लोग आज अपने घरों में वायरस से बचाव की उम्मीद लिये कैद हैं, दुनिया के कई देशों के बड़े-बड़े शहरों में स्वघोषित पूर्ण लॉकडाउन जैसे हालात बन गए हैं। वहीं, दूसरी तरफ हमारे प्यारे महान देश भारत में लॉकडाउन घोषित होने वाले क्षेत्रों में भी कुछ लोग कानून को तोड़कर घर से बाहर आकर नियम-कायदों की धज्जियां उड़ाकर, नियमों का पालन करने वाले अन्य लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं।
कोरोना वायरस के संक्रमण की वैश्विक महामारी के चलते जिस तरह से आज पूरी मानव जाति पर जीवन और मृत्यु का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। वह स्थिति विचारणीय है, उस समय हम सभी देशवासियों की यह जिम्मेदारी है कि हम पूरी सुरक्षा, गंभीरता, योग्यता और क्षमता के साथ इस चुनौती का डटकर सामना करें और खुद का बचाव करके अपने आसपास के लोगों को वायरस के संक्रमण से बचाएं। आज हम सभी देशवासियों को संकल्प लेना होगा कि हम पूर्ण सावधानी, सुरक्षा, संकल्प व संयम के साथ अपने घरों में रहकर लॉकडाउन व सरकार की एडवाईजरी का सही ढंग से पालन करके कोरोना वायरस के संक्रमण को देश में फैलने से रोकने में सरकार की हर संभव मदद करेंगे। यहाँ आपको बता दें कि लॉकडाउन की स्थिति से हमको डरने की जरूरत नहीं बल्कि उसका हम सभी के भले के लिए पालन करने की जरूरत है। क्योंकि लॉकडाउन में जीवन के लिए सभी आवश्यक सेवाओं पर कोई प्रतिबंध नहीं होता है, लॉकडाउन की स्थिति से किसी भी तरह से घबराएं नहीं बल्कि नियमों का पालन करके कोरोना वायरस के संक्रमण से जंग लड़कर के उसको जल्द से जल्द देश से भगाएं और देश व सभी देशवासियों को स्वस्थ व खुशहाल बनाएं।
सरकार ने देश में माल गाड़ी को छोड़कर पैंसेजर ट्रेनों व कार्गो प्लेनों को छोड़कर यात्री हवाई सेवाओं को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया। अधिकांश राज्यों ने अपनी सीमाओं को पूर्ण रूप से सील कर लिया है। राज्यों में भीड़भाड़ वाली स्थिति उत्पन्न होने पर हालात पर नियंत्रण करने के लिए प्रशासन सख्ती से लोगों को लॉकडाउन का सही ढंग से पालन करने के लिए समझा रहा है और फिर भी ना मानने लोगों के वाहन सीज करके व उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके सख्ती से पेश आया जा रहा है।
लेकिन फिर भी देश में कुछ ऐसे नादान लापरवाह कानून तोड़ने वाले लोगों की एक ऐसी जमात तैयार हो गयी है, जिन्होंने मुश्किल से मुश्किल बुरे से बुरे हालात में भी राजी-राजी देश के नियम कानून-कायदों को ना मानने की ठानी है, वो ना तो लॉकडाउन के नियमों का पालन करने के लिए तैयार, ना ही महामारी अधिनियम 1897 कानून का सम्मान करने के लिए तैयार हैं। चाहें उनके इस लापरवाही पूर्ण कृत्य से अन्य लोगों के जीवन को कितना भी बड़ा खतरा क्यों ना उत्पन्न हो जायें, यह चंद लोगों की नासमझ जमात केवल शासन-प्रशासन की लाठी-डंडे या कानूनी मार की सख्ती के बाद ही नियम कानून-कायदों पर अमल करने के लिए तैयार होती है। पुलिस प्रशासन को लॉकडाउन में बेवजह गलियों सड़कों पर भीड़ करने वाले ऐसे लोगों के खिलाफ अब सख्त से सख्त कार्यवाही करनी चाहिए और जानबूझकर अन्य लोगों की जान से खिलवाड़ बरतने वाले इन लोगों को कड़ा सबक सिखाकर देश की जनता को कानून पालन करने का एक अच्छा संदेश देना चाहिए।
जबकि केंद्र व राज्य सरकारों ने कोरोना वायरस को लेकर बार-बार अलर्ट जारी किया है कि लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए अधिक से अधिक समय अपने अपने घरों में रहे हैं, घर में रहते हुए अच्छा भोजन ले, अच्छी नींद व योगा से अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाएं, सोशल डिस्टेंसिंग बढ़ाएं, भीड़ में जाने से, भीड़ लगाने व एक दूसरे के संपर्क में आने से बचें। क्योंकि यूरोप, यूएस, स्पेन, चीन, इटली, ईरान आदि विश्व के अन्य कोरोना प्रकोप वाले देशों की भयावह स्थिति से आज हम सभी लोगों को समय रहते ही सबक लेना होगा, क्योंकि हमकों अपने 130 करोड़ की जनसंख्या वाले प्यारे भारत में कोरोना के चलते स्थित को भयावह होने से बचाना है, बेहद गम्भीर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए हमकों सरकार के द्वारा बताए बचाव उपायों का अक्षरस: पालन करके इसके प्रसार को तुरंत रोकना है।
दीपक कुमार त्यागी
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