Fake Degree : फर्जी डिग्रियों का काला कारोबार

Fake Degree

– Fake Degree –

फर्जी डिग्री (Fake Degree) बेचने और फर्जी डिग्री से नौकरी पाने के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। इस मामले में राजस्थान सबसे आगे है जहां 23 लोग फर्जी डिग्री से पुलिस अधिकारी बन गए थे। इसी तरह बिहार में भी फर्जी डिग्री से शिक्षकों की नियुक्ति का मामला सामने आया है। पंजाब में भी फर्जी तरीके से अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र प्राप्त कर नौकरी पाने के मामले सामने आए हैं। आखिर जांच उपरांत फर्जी डिग्री वाले कर्मचारी बर्खास्त किए गए। यह काला कारोबार दो तरह से व्यवस्था और समाज के साथ अन्याय है। एक फर्जी डिग्री उन लाखों सक्षम लोगों के लिए धोखाधड़ी है, जिन्होंने कड़ी मेहनत, समर्पण और ईमानदारी से उच्च शिक्षा प्राप्त की है।

दूसरी ओर, जब अयोग्य व्यक्ति जिम्मेदारी का पद संभालते हैं, तो वे अपनी अक्षमता के कारण अपनी सेवाएं देने में विफल साबित हो जाते हैं, इससे आम व्यक्ति को परेशानी का सामना करना पड़ता है। एक अयोग्य डॉक्टर मरीज के जीवन के लिए खतरा ही होगा। वहीं एक शिक्षक जो राष्ट्रपति का नाम तक नहीं जानता वह पता नहीं कितने छात्रों का भविष्य बर्बाद कर देगा। चिंताजनक बात यह है कि फर्जी डिग्री का मामला सामने आने पर कार्रवाई तो हो रही है, लेकिन भविष्य में कोई फर्जी डिग्री नहीं बेच सकेगा और फर्जी डिग्री के आधार पर कोई नौकरी नहीं पा सकेगा, इसके लिए कोई ठोस नीति या घोषणा नहीं हो सकी। इस संबंध में हर राज्य अपने-अपने स्तर पर कार्रवाई कर रहा है। तकनीक का लाभ उठाकर देश की राष्ट्रीय नीति बनाई जा सकती है। तकनीक के युग में इस तरह की धोखाधड़ी को रोकना असंभव नहीं है।

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