कड़ाके की ठंड में जरूरतमंदों को बांटे कम्बल, ओढ़ाई स्नेह की चादर

Blankets distributed

रेलवे स्टेशन के बाहर 80 लोगों को किये गर्म कम्बल वितरित

(Blankets distributed)

  •  गरीबों को सर्दी से बचाकर दे रहे सीख

हनुमानगढ़, सच कहूँ न्यूज। सर्दी की रातें गरीबों के लिए बहुत भारी पड़ती हैं। (Blankets distributed) उन्हें तलाश रहती है किसी ऐसे मसीहा की जो आकर उनको ठंड से बचा सके। ठिठुरते हुए रात न गुजारनी पड़े। बहुत से गरीब इन सर्दी की रातों में खुले आसमान के नीचे कांपते रहते हैं। हालांकि ऐसे कई लोग हैं जो गरीबों की पीड़ा को समझते हुए नेक कार्य के लिए आगे आते हैं और गर्म कपड़े, कम्बल आदि का वितरण कर लोगों को मानव सेवा के लिए प्रेरित करते हैं।

सर्द होती रातों में ठंड से कापंते गरीब, असहाय, लाचार लोगों को गर्माहट देने की ठोस पहल के तहत कड़ाके की ठंड में गरीब बच्चों व बुजुर्गों को गर्म कपड़ों के अभाव में न जीना पड़े इसके लिए अन्नपूर्णा आध्यात्मिक सेवा समिति के सदस्यों ने समाजसेवी मकबूल मोहम्मद, फूडग्रेन मर्चंेट एसोसिएशन अध्यक्ष जिनेन्द्र जैन व प्रदीप पाल के नेतृत्व में जंक्शन में रेलवे स्टेशन के बाहर गर्म कम्बल बांटे। संस्था की ओर से वीरवार रात्रि को रेलवे स्टेशन के बाहर रह रहे 80 लोगों में गर्म कम्बल वितरित किए गए।

हम लोग अपने पूर्वजों से गरीब, असहाय लोगों की सहायता करना सीखे हैं

समाजसेवी मकबूल मोहम्मद ने बताया कि उन्होंने गरीब परिवार को ठंड से बचाने का प्रयास किया है। कड़ाके की सर्दी में गर्म कपड़े लेकर बुजुर्ग व महिलाओं के मुंह से दुआएं ही निकल रही थीं। संस्था के प्रदीप पाल ने शहर के लोगों से अपील की कि जो लोग जिन गर्म वस्त्रों को वह अपने प्रयोग में नहीं ला रहे हैं ऐसी वस्तुओं को अपने आस-पास की झुग्गी-झोंपड़ियों में देकर गरीब लोगों का सहयोग करें ताकि वे भी ठंड से अपनी बचाव कर सकें। गरीब की सहायता करना सबसे बड़ा पुण्य का काम है। उन्होंने कहा कि हम लोग अपने पूर्वजों से गरीब, असहाय लोगों की सहायता करना सीखे हैं। हमेशा यही प्रयास रहता है कि गरीब लोग दरवाजे से खाली हाथ न लौटे।

  • फूडग्रेन मर्चंट एसोसिएशन अध्यक्ष जिनेन्द्र जैन ने कहा कि गरीबों के लिए सर्दी का मौसम काफी कष्टप्रद रहता है।
  • गर्मी में तो काम चल जाता है, कहीं भी पड़े रहो इतनी दिक्कत नहीं होती लेकिन सर्दी में उनके लिए भारी मुसीबत होती है।

कड़ाके की ठंड में बिना गर्म कपड़ों के उनको रातें गुजारनी पड़ती हैं

  • ठिठुरते हुए वह रात किसी तरह से रात व्यतीत करते हैं।
  • इस स्थिति में लोगों की मदद करने से आत्मिक शांति प्राप्त होती है।
  • कम्बल बांटते हुए उन्होंने कहा कि कम्बल का इस्तेमाल करें।
  • कई बार लोग कम्बल लेकर घर में रख लेते हैं और ठंड में ठिठुरते रहते हैं।
  • ऐसा न करें। कम्बल वितरण के दौरान गुलाम रसूल, सद्दाम खान, आसिफ खान, अनिल गुप्ता,

       दुर्गा प्रसाद शर्मा, दयाराम वर्मा, प्रवीण गोयल, डीएसपी कमांडो राजेंद्र, पूर्व पार्षद रामसिंह सिद्धू आदि मौजूद थे।

 

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