कभी तेरे चरणन न छोड़ेंगे…

कभी तेरा दामन ना छोड़ेंगे हम। चाहे यह मन करे लाखों सितम्।

1. मुहब्बत के शोलोें में जलता रहूंगा।
तेरा नाम लेकर मैं चलता रहूंगा।
ठोकर भी खाकर संभलता रहूंगा।
पड़े हैं मुहब्बत के हम पे कर्म।
कभी तेरे चरणन…

2. देंगी सहारा जो तेरी निगाहें।
तो आसान होंगी मुहब्बत की राहें।
कि मंजिल है मेरी ये तेरी ही राहें।
चले हैं सफर पे खा के कसम।
कभी तेरे चरणन…

3. देकर सहारा मुझे लाना किनारे।
सागर है गहरा घुम्मनघेर है मारे।
लाखों ही पापी तूने लाए किनारे।
तेरा सहारा लिए बैठे हैं हम।
कभी तेरे चरणन…

4. याद मैं हरदम करता रहूंगा।
तेरी राहों में हरदम चलता रहूंगा।
तेरी जुदाई में मरता रहंूगा।
बिना याद तेरी निकले काफर वोह दम।
कभी तेरे चरणन…

5. दुनियां ना दौलत की मुझको जरूरत।
लगती है प्यारी बड़ी आप की यह मूर्त।
आती नजर रहे हरदम यह सूरत।
सनम मेरी जन्नत हैं तेरे कदम।
कभी तेरे चरणन…

6. कहें ‘सतनाम जी’ मुझको तेरा सहारा।
तेरे सिवाय नजर आता ना चारा।
शाह सतनाम जी मेरा किया निस्तारा।
काल जाल माया में रहे थे भ्रम।
कभी तेरे चरणन…

 

 

 

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