सही वजह है तो 500-1000 के पुराने नोट जमा करने की इजाजत मिले : SC

Demonetization, SC, 500-1000 Rs Notes

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से कहा है कि अगर लोगों के पास 1000-500 के पुराने नोट जमा ना कर पाने की सही वजह है तो उन्हें दोबारा डिपॉजिट की इजाजत मिलनी चाहिए।SC ने केंद्र को इस मामले पर विचार के लिए दो हफ्तों का वक्त दिया है। केंद्र ने SC से कहा कि वो इस मामले में एक एफिडेविट फाइल करेगा। इस मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।

क्या थी डेडलाइन

केन्द्र सरकार ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा के वक्त 30 दिसंबर 2016 तक प्रतिबंधित की गई करेंसी को बैंक में जमा कराने की डेडलाइन तय की थी। जिसके बाद रिजर्व बैंक ने कहा था कि पुरानी करेंसी को 31 मार्च तक रिजर्व बैंक में जमा किया जा सकेगा। हालांकि उसने रिजर्व बैंक में जमा कराने वालों को यह वजह बताने की शर्त रख दी थी कि क्यों उक्त करेंसी को 30 दिसंबर 2016 की डेडलाइन तक नहीं जमा कराया गया।

गौरतलब है कि जस्टिस डी वाई चंद्रचूड और एस के कौल की बेंच ने याचिकाकर्ता की दलील की रिजर्व बैंक ने अपने आखिरी नोटिफिकेशन में सिर्फ उन लोगों को 31 मार्च 2017 तक पुरानी करेंसी को जमा करने की इजाजत दी जो किसी वजह से नोटबंदी के दौरान देश से बाहर मौजूद थे। इस आधार पर याचिकाकर्ता ने इसे रिजर्व बैंक और मोदी सरकार द्वारा वादाखिलाफी करने का दावा किया है।

क्यों आदेश कर सकता है कोर्ट

दरअसल, 30 दिसंबर से पहले नोट जमा नहीं कराने के मामले में दर्जनभर से अधिक याचिकाएं कोर्ट के सामने आई हैं। एक याचिका में तो याचिकाकर्ता ने कहा कि वह अपनी 66.80 लाख रुपए की रकम बैंक में केवाईसी नहीं होने से जमा नहीं करा सका है। इसलिए कोर्ट अब इस आशय में लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए फैसला ले सकता है।

Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।