प्लाज्मा को तरस रहा बैंक, 12 दिन से नहीं मिला एक भी डोनर

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कोरोना के गंभीर मरीजों को ठीक करने के लिए कारगर साबित होता है प्लाज्मा

  • केवल पांच डोनर ने ही अब तक किया है प्लाज्मा बैंक में प्लाज्मा दान

सच कहूँ/अश्वनी चावला/चंडीगढ़। पंजाब का एकमात्र प्लाज्मा बैंक खुद प्लाजमा डोनर के लिए तरस रहा है। पिछले 12 दिन से एक भी डोनर पटियाला के प्लाज्मा बैंक में अपना प्लाज्मा दान करने के लिए टैस्ट करवाने नहीं पहुंचा। हालांकि नये डोनर को ढूंढने के लिए प्लाज्मा बैंक के अधिकारी सुबह से लेकर शाम तक कोरोना को मात देने वाले लोगों को फोन तो करते हैं लेकिन आगे से उन्हें स्पष्ट जवाब दिया जा रहा है।

कई तो प्लाज्मा देने के डर से फोन ही स्विच आॅफ कर लेते हैं। अब तक प्लाज्मा बैंक में पांच ही प्लाज्मा दान हुए हैं और बैंक की शुरूआत के पहले 4 दिनों में ही तैयार कर लिया था, जबकि उसके 12 दिन बाद कोई नया डोनर प्लाज्मा देने को तैयार नहीं हुआ। हालांकि प्लाज्मा बैंक के अधिकारियों ने लोगों के डर को दूर करने की भरपूर कोशिशें की लेकिन अब तक उन्हें कोई सफलता हाथ नहीं लगी और न ही पंजाब सरकार के स्तर पर कोई ज्यादा कोशिश हुई है।

जानकारी के अनुसार पंजाब में कोरोना का प्रकोप तेजी से बढ़ रही है, जहां रोजाना 20 से 25 लोगों की मौत हो रही है। अब तक पंजाब में कोरोना से 500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इन्हें रोकने के लिए सरकार के पास केवल प्लाज्मा की एकमात्र इलाज है, जबकि अब तक कोई ओर दवा कोरोना की नहीं बनी है। यही कारण रहा कि पंजाब सरकार ने 21 जुलाई को पटियाला में प्लाज्मा बैंक तैयार करते हुए कोरोना को मातृ देने वाले सभी लोगों को प्लाज्मा दान करने की अपील की थी ताकि दान किए हुए प्लाज्मा से मौत की कगार पर पहुंचे मरीजों की जान को बचाया जा सके।

प्लाज्मा बैंक खुलने के बाद पहले 4 दिन में ही 21 लोगों की स्क्रीनिंग की गई थी, जिसमें से 9 लोग ही प्लाज्मा देने के लिए फिट पाए गए थे लेकिन तीन व्यक्ति पहले से गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। उनका प्लाज्मा नहीं लिया गया। अन्य 6 व्यक्तियों में से एक ने मौके पर ही प्लाज्मा दान करने से इनकार कर दिया था,

जबकि अब तक केवल पांच व्यक्तियों ने ही अपना प्लाज्मा दान किया है, जिससे 10 पैकेट प्लाज्मा तैयार किये गए थे और अब तक 5 गंभीर कोरोना के मरीजों को प्लाज्मा दिया भी गया है। इन पांच मरीजों के अलावा कोई भी अन्य कोरोना को मात देने वाला व्यक्ति अपना प्लाज्मा दान करने के लिए पहल नहीं कर रहा, जिस कारण प्लाज्मा बैंक ही इस वक्त प्लाज्मा से तरस रहा है।

एक कोशिश से बच सकती है दो की जान

कोरोना को मात देने वाले व्यक्ति ही प्लाज्मा दान कर सकते हैं और ऐसे व्यक्ति एक नहीं बल्कि दो लोगों की जान बचा सकते हैं। प्लाज्मा दान करने से शरीर को कोई भी नुक्सान नहीं होता है और न ही कोई खतरा लेकिन फिर भी आम लोग प्लाज्मा दान करने से डर रहे हैं, जबकि डाक्टर रोजाना अपील कर रहे हैं कि प्लाज्मा दान कर आप दो लोगों की जान बचाकर पुण्य का काम कर सकते हैं।

लक्ष्ण वाले मरीज का ही लिया जा सकता है प्लाज्मा

प्लाज्मा के लक्ष्ण वाले मरीज का ही प्लाजमा लिया जा सकता है, क्योंकि एंडीबाडी केवल उन मरीजों से ही तैयार होती है, जिन्हें किसी तरह के लक्ष्ण आए हों। जिन मरीजों को कोई लक्ष्ण नहीं आते हैं, उनके शरीर में ऐंटीबाडी भी तैयार नहीं होती है, जिस कारण उनका प्लाज्मा किसी भी काम का नहीं है। लक्ष्ण वाले मरीज 14 से ज्यादा अस्पताल में रहने के कारण इस वक्त प्लाज्मा देने से डर रहे हैं कि उन्हें कुछ हो न जाए।

 

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