स्वामी श्रद्धानंद गुरुकुल में मनाया वार्षिक उत्सव

खरखौदा (सच कहूँ न्यूज/हेमंत कुमार )। बहादुरगढ़ मार्ग पर स्थित गांव बरोना में स्वामी श्रद्धानंद आर्ष गुरुकुल में दूसरा वार्षिक उत्सव मनाया गया ।जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली मेट्रो कॉरपोरेशन के निदेशक मंगू सिंह रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय किसान नेता रमेश दलाल ने की। मंगू सिंह ने कहा कि व्यक्ति को समय की कीमत समझनी चाहिए, हर काम एक निश्चित समय में पूरा करना असली जीवन कहलाता है। हम विचार कर सकते हैं यदि हम हर रोज 5000 ट्रेन चला रहे हैं, जो साडे 99 परसेंट सही समय पर अपने निर्धारित स्थान पर पहुंचती है, और आधा परसेंट 60 सेकंड भी लेट हो जाती है तो हम उन्हें लेट समझते हैं समझ सकते हैं कि जो काम समय पर हो जाता है, उससे न तो मनुष्य को किसी प्रकार की हानि होती है और न कोई बोझ और चिंता रहती है।

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उन्होंने बताया कि उनकी आरंभिक शिक्षा उनके घर पर ही शुरूआत की गई थी , एक साधु संत के द्वारा क्योंकि उस समय उनके गांव में कोई स्कूल नहीं होता था। जो मे आज इस मुकाम तक पहुंचा हू यह परिणाम उस समय साधु संत द्वारा आज उनके आरंभिक शिक्षा घर पर दी गई थी । उन्होंने कहा कि आज का युग एक आधुनिक युग के रूप में उभरा है परंतु देश की संस्कृति विलुप्त होती जा रही है इस संस्कृति को बचाए रखने के लिए ऐसे गुरुकुल की स्थापना बहुत जरूरी है ।उन्होंने गुरुकुल संस्थापक का आभार प्रकट किया। और कहा कि गुरुकुल में जो भी आवश्यकता होगी वह हर संभव पूरा करने का प्रयास करेंगे। गुरुकुल के संस्थापक प्रदीप आर्य ने कहा कि उनका लक्ष्य खत्म हो रही संस्कृति को जागृत करना और बच्चों में एक अच्छे संस्कार पैदा करना है। जो वैदिक शिक्षा के द्वारा ही संभव है।

गांव बरोना के सरपंच बबलू ने कहा कि गुरुकुल को यदि जमीन की आवश्यकता पड़ेगी तो पूरे गांव से बातचीत करके गुरुकुल को जमीन पंचायत की ओर से दान में दी जाएगी , व जो भी सहायता संभव होगी वह की जाएगी। गुरुकुल के अनेक ब्रह्मचार्य द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इस मौके पर बिजेंदर हुड्डा ,जयपाल सोलंकी, जयवीर आर्य, मनजीत रोहट, सोमबीर आर्य ,स्वामी सतानंद ,यशवीर ,अंजली आर्य ,किसान नेता रमेश दलाल, वेदप्रकाश आर्य ,हर्ष छिकारा, धम्मल फौजी ,संजय राणा ,प्रशांत अचार्य, ज्वाइंट डायरेक्टर संजीत कोर, पवन, चंद्रप्रभा की बेटी सीमा ,कृष्ण जटोला ,अमनदीप समाजसेवी आदि व्यक्ति मौजूद रहे। इस अवसर पर गुरुकुल के संस्थापक द्वारा अतिथियों का स्मृति चिन्ह व शाल भेंट कर सम्मान किया गया।

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