‘चुनाव नतीजों के बाद टूटेगी कमजोर डोर, आएगा बड़ा भूचाल’

'After the election results, a broken door will come,

साथ सत्ता में आने की कही बात

 पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप से मनमुटाव की बातों को बताया कपोल कल्पित

हनुमानगढ़, सच कहूँ न्यूज।

पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में चिकित्सा मंत्री व लगातार सात बार विधायक चुने गए भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र राठौड़ का दावा है कि इस बार एनडीए पूर्व से भी अधिक सांसदों के साथ सत्ता में आएगी। भारतीय जनता पार्टी अपने दम पर देश में तीन सौ का आंकड़ा पार करेगी और राजस्थान में मिशन 25 पार्टी पूरा करेगी। बुधवार को हनुमानगढ़ आए पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस के वे नेता जो एक-दूसरे से कमजोर डोर से बंधे हैं, वह डोर टूटेगी और कांग्रेस की राजनीति में बहुत बड़ा भूचाल आएगा।

कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि चार माह पुरानी कांग्रेस की सरकार जिसके दूध के दांत नहीं टूटे वो जहरीले दांत साबित हुए हैं। पूर्व मंत्री ने कहा कि थानागाजी दुष्कर्म कांड की घटना एक साधारण घटना नहीं। 26 अप्रेल को दुष्कर्म की घटना हुई। 30 अप्रेल को पीड़िता ने जिला पुलिस अधीक्षक के समक्ष पेश होकर अपनी बात रखी। दो मई को मामला दर्ज हुआ। अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिए सरकार ने छह मई तक जब लोकसभा के चुनावों के दोनों चरणों का मतदान पूरा न हो जाए तब तक यह बात छुपाए रखी।

चूंकि कांग्रेस की चूलें हिली हुई थी और पूरे देश के अंदर दलित वोट बैंक पर असर नहीं पड़ जाए इस कारण मुख्यमंत्री व डीजी कार्यालय के इशारे पर इस कांड को छुपाया गया।  उसके बाद मीडिया में मामला उजागर होने पर पुलिस हरकत में आई। उन्होंने कहा कि राजस्थान का गौरवशाली इतिहास गहलोत के शासन में कलंकित हुआ है। थानागाजी की एक घटना नहीं इस प्रकार की घटनाओं को करने वाले कई दुशासन आज बेखौफ हैं। राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार में महिलाओं के प्रति 18 प्रतिशत अपराध बढ़े हैं।

राजेन्द्र राठौड़ ने सरकार की स्थानांतरण नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस ने घोषणा पत्र के माध्यम से कजार्माफी की बात कही थी वह भी धूल विसरित साबित हुई। राज्य में पहली बार किसानों को खरीफ का ऋण नहीं मिला। जब विपक्ष ने विधानसभा में सरकार को घेरा तो सरकार ने ऋण राहत के नाम पर कैंप लगाने शुरू कर दिए। बेरोजगार को 35 सौ रुपए भत्ता देने की घोषणा में भी सरकार ने यूटर्न ले लिया है। शिक्षित बेरोजगार की परिभाषा को स्नातक पर ले गए। 33 लाख लोगों का जो 3500 रुपए का बेरोजगारी भत्ता लेने का अधिकार था उसको भी समेटकर मात्र 95 हजार तक ले आए। वो भी एक पैसा नहीं मिला।

बिजली कटौती सामने है। पीने के पानी को लेकर हा-हाकार मचा हुआ है। सरकार हर मोर्चे पर फैल हो गई है। राज्य में आर्थिक आपातकाल के हालात पैदा हो गए हैं। पुलिस का इकबाल और कानून का राज समाप्त हो गया है। इन सबका बदला वोट की चोट से लोगों ने लिया है। इसका परिणाम 23 मई को सामने आ जाएगा।

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