ले के कहां कुछ वापिस जाना ये शरीर भी दान है…

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इंसानियत। मेडिकल रिसर्च के काम आएगी सुनहरी देवी इन्सां की मृतक देह

बेटियों व पुत्र वधू ने अर्थी को कंधा देकर बेटा-बेटी भेदभाव मिटाने का दिया संदेश

सच कहूँ/ विकास कुमार कैथल। ले के कहां कुछ वापिस जाना ये शरीर भी दान है…ये कोई जुमला नहीं बल्कि हकीकत है। मानवता भलाई के सिरमौर सर्व धर्म संगम डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु की। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंन्सा की पावन प्रेरणा पर चलते हुए डेरा अनुयायी जीते जी तो मानवता भलाई के लिए आगे रहते ही हैं, लेकिन मरने के बाद इंसानियत के लिए ऐसी मिसाल दे जाते हैं कि हर कोई उन्हें सलाम् करता है। ऐसा ही कर कर दिखाया है लक्ष्मी बिहार कॉलोनी, कैथल निवासी सुनहरी देवी इन्सां पत्नी दलीप सिंह इन्सां ने। जिसने मरणोपरांत मेडिकल रिसर्च के लिए अपना शरीर दान किया। उनका पार्थिव शरीर रिसर्च के लिए वैकटेसबरा इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल सार्इंस रजबपुर (गजरौला) उतर प्रदेश भेजा गया।

जीते जी भी सुनहरी देवी इन्सां मानवता भलाई कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती थी और मरणोपरांत भी सुनहरी देवी ने मृत देह दानकर मानवता पर परोपकार किया। वहीं उनकी अर्थी को बेटी व पुत्र वधु ने कन्धा देकर समाज को बेटा-बेटी के भेदभाव को मिटाने का संदेश दिया। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा चलाई इस रीत को देखकर हर कोई हैरान था। इस मौके पर बड़ी संख्या में ब्लॉक की साध-संगत व शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादार मौजूद थे।

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