पुलिस की दलील: नशे की ओवरडोज से हुई मौत
- परिजनों का शव लेने से इन्कार, आरोपियों को गिरफ्तार करने की उठाई मांग
ओढां(सच कहूँ/राजू)। एंटी नारकोटिक सैल सरसा के इंचार्ज सहित 5 पुलिसकर्मियों द्वारा एक युवक का कथित रूप से अपहरण कर अमानवीय यातनाएं देकर हत्या करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। सैल ने गांव देसूमलकाना से गुरप्रीत नामक युवक को एनडीपीएस के एक मामले में उठाया था। जिसके बाद पुलिस हिरासत में गुरप्रीत की मौत हो गई। इस मामले में गुरप्रीत के परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि नारकोटिक सैल उनके बेटे को झूठे केस में फंसाना चाहती थी। पुलिस द्वारा टॉर्चर किए जाने के चलते ही उसकी मौत हुई है। Sirsa News
वहीं नारकोटिक सैल इंचार्ज ने आरोपों को नकारते हुए सफाई दी कि युवक की मौत नशे की ओवरडोज से हुई है। फिलहाल पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच बिठा दी है। मृतक गुरप्रीत के पिता सरोत्तम सिंह ने बताया कि शनिवार सायं करीब सवा 7 बजे एंटी नारकोटिक सैल की टीम उनके घर आई और उसके लड़के गुरप्रीत को हिरासत में ले लिया। सरोत्तम के मुताबिक पुलिसकर्मियों ने उसका पूरा घर खंगाल लिया, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला। जिसके बाद पुलिसकर्मी गुरप्रीत को गाड़ी में बैठा कर ले गए। सरोत्तम सिंह का आरोप है कि पुलिस गुरप्रीत को झूठे मुकदमे में फंसाना चाहती थी। पुलिस ने गुरप्रीत को टॉर्चर करते हुए उसके साथ मारपीट की व यातनाएं भी दीं। आरोप है कि नारकोटिक सैल के पुलिसकर्मी बिना वर्दी के प्राइवेट गाड़ी लेकर आए थे और वे शराब के नशे में थे। Sirsa News
रात को 11 बजे मौत की मिली सूचना | Sirsa News
मृतक के पिता सरोत्तम सिंह ने बताया कि वे अपने बेटे को छुड़वाने के लिए गए, लेकिन पुलिसकर्मियों ने किसी की नहीं सुनी। जिसके बाद शनिवार रात्रि करीब 11 बजे कालांवाली के एक आढ़ती की मार्फ त उन्हें सूचना मिली कि गुरप्रीत की थाने में मौत हो गई है। गुरप्रीत इस वक्त सरसा के एक निजी अस्पताल में है। इस सूचना के बाद परिजन अस्पताल पहुंचे तो गुरप्रीत मृत अवस्था में था। मृतक के पिता सरोत्तम सिंह ने बताया कि उसके बेटे की दोनों टांगों पर लाठियों व रस्सी के निशान थे। उसके पैरों के नीचे की जगह व हथेलियां चोटों के चलते नीली पड़ी हुई थी। सरोत्तम सिंह का आरोप है कि पुलिस ने गुरप्रीत को अवैध रूप से हिरासत में लेकर अमानवीय याताएं दीं। जिसके चलते उसकी मौत हुई है। परिजनों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि नारकोटिक सैल इंचार्ज दाताराम व उसकी टीम ने उनके बेटे की हत्या की है।
ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में हुआ पोस्टमार्टम
परिजनों द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद मृतक गुरप्रीत का पोस्टमार्टम ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अमित अहलावत की उपस्थिति में 3 सदस्यीय चिकित्सकों के बोर्ड द्वारा वीडियोग्राफी के बीच किया गया। लेकिन परिजनों ने पोस्टमार्टम के बाद शव लेने से इंकार कर दिया। वे इस जिद पर अड़े हुए थे कि इस मामले में आरोपी पुलिस कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जाए और पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही मृतक का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
सैल की सफाई रास्ते में बिगड़ा स्वास्थ्य | Sirsa News
एंटी नारकोटिक सैल के इंचार्ज एसआई दाताराम ने सफाई देते हुए कहा कि गुरप्रीत नशे का आदी था। उस पर 2 मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस जब उसे लेकर आ रही थी तो रास्ते में उसका स्वास्थ्य बिगड़ गया। जिसके बाद वह बेहोश हो गया। उन्होंने गुरप्रीत को सरसा के अस्पताल में भर्ती करवाया। गुरप्रीत की मौत नशे की ओवरडोज लेने से हुई। पुलिस ने उसे कोई टॉर्चर नहीं किया। गुरप्रीत नशा बेचता व करता था। उसके खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज हैं।
परिजन बोले : झूठे मुकदमे में फंसाना चाहती थी पुलिस :-
मृतक के चाचा नछत्र सिंह ने बताया कि गुरप्रीत अपने भाई के साथ खेत से घर लौटा था। जब वे ट्रैक्टर से उतर रहे थे पुलिस ने गुरप्रीत को गिरफ्तार कर लिया। गुरप्रीत नशा नहीं करता था। नारकोटिक सैल ने उसे बेवजह उठा लिया और उसे झूठे मुकदमे में फंसाना चाहती थी। पुलिस ने उन्हें गुरप्रीत को हिरासत में लेने के बारे में कुछ भी नहीं बताया। उसके बाद रात को करीब 11 बजे उनके गुरप्रीत की मौत की ही सूचना मिली। उसके बाद से वे सरसा अस्पताल में गुरप्रीत के शव के बाहर रातभर मौजूद रहे, लेकिन पुलिस ने कुछ भी नहीं बताया।
इनपर मुकदमा दर्ज
एंटी नारकोटिक सैल इंचार्ज सरसा एसआई दाताराम, एएसआई जसवीर सिंह, एएसआई हरजीत सिंह, ईएचसी गुरप्रीत सिंह व बिंदर सिंह सहित 5 लोगों पर कालांवाली थाना में धारा 302, 342, 365, 147, 148 व 149 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
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