विपदा: केसे चलें घर का खर्चा, इलाज के लिए नहीं बची कोई पूंजी
-
दो साल पहले पैर की टूटी हड्डी नहीं हुई ठीक
-
टिब्बी के रामपुरा उर्फ रामसरा गांव का मामला
टिब्बी (प्रभुराम/सच कहूँ न्यूज)। जब घर का जीवनयापन चलाने वाला शख्स जब चारपाई पर पड़ कर जीवन जीने को मजबूर हो तो उस पर परिवार पर क्या बीतती होगी…जी हां ऐसी ही जिंदगी जीने को मजबूर है हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी के रामपुरा उर्फ रामसरा गांव निवासी सुरेंद्र कुमार नायक। दो वर्ष पहले खेत में काम करते समय बांए पैर की हड्डी इस तरह फैक्चर हुई की घर की सारी पूंजी खर्च करने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ। सुरेंद्र नायक पैर की हड्डी फैक्चर होने के बाद डॉक्टरों से इलाज करवाकर थक हार गए । पैर की हड्डी की वजह से सुरेंद्र चलने फिरने में असमर्थ है।
-
मदद की दरकार,लोगों से मदद की लगाई गुहार
ऐसी मुफलिसी की हालत में बीमारी, बच्चों की पढ़ाई और घर का खर्च आदि कैसे चलते होंगे। सुरेंद्र के एक लड़का व दो लड़कियां है जो स्कूल जाते है। पैर फैक्चर होने से मुफलिसी में जिंदगी गुजार रहे सुरेंद्र बीपीएल कार्ड, भामाशाह कार्ड धारी भी है, लेकिन लेकिन जो लाभ मिलना उससे आज भी महरुम है। सुरेंद्र के परिवारवालों ने बताया की पैर में फैक्चर होने के दो साल पैर रॉड डाली हुई। जयपुर में इलाज चल रहा है, अब जयपुर जाने के लिए भी पैसे नहीं है।
कई बार डॉक्टर कहते है ठीक हो जाएगा तो कई बार कथित तौर पर पैर को काटने और कई बार आगरा जाकर इलाज करवाने का कहते है, परन्तु बिना धनराशि के कैसे हो इलाज, कैसे चले घर खर्च, हालत बहुत ही दयनीय है…यहीं सोचकर सुरेंद्र कुमार व उनका परिवार परेशान है। अब तो सिर्फ भगवान पर भरोसा है, घर में आय का कोई साधन नहीं है..एक अर्द्ध कच्चे मकान की छत के नीचे बैठे सुरेंद्र कुमार को उम्मीद है कि कोई फरिश्ता बनकर आए और उनकी मदद करें।
Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।