3 साल की सुरभि को हो गया था नृत्य से लगाव, 30 की उम्र तक जीते अनेक अवार्ड
- शास्त्रीय और लोकनृत्य क्षेत्र में 418 उपलब्धियां हासिल करने पर नाम दर्ज
कुरुक्षेत्र (सच कहूँ/देवीलाल बारना)। Kurukshetra: मात्र 3 वर्ष की उम्र में नृत्य से प्यार हो गया और 30 वर्ष की उम्र तक आते-आते अनेक अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त कर लिए। बात कर रहे हैं कुरुक्षेत्र निवासी सुरभि काठपाल की। सुरभि का नाम शास्त्रीय और लोकनृत्य क्षेत्र में 418 उपलब्धियां हासिल करने पर वेब वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हुआ है। जैसे ही सुरभि के पास वेब वर्ल्ड रिकॉर्ड की तरफ से ट्राफी, सर्टिफिकेट व मेडल पहुंचा तो वह फूली न समाई।
सुरभि काठपाल (Surbhi Kathpal) 2019 में थाईलेंंड में हुई प्रतियागिता में प्रथम ईनाम जीत चुकी हैं। वहीं इनके नाम अब तक 9 अंतरराष्ट्रीय अवार्ड व 70 राष्ट्रीय के अलावा मैजिक बुक आॅफ रिकार्ड में भी सुरभि का नाम दर्ज है। इतना ही नहीं, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संगीत विभाग में पढ़ाई करने के दौरान गिनीज बुक आॅफ रिकॉर्ड में भी इनकी टीम का नाम दर्ज हो चुका है।
तीन इंटरव्यू पास कर हुआ नाम दर्ज | Kurukshetra
सुरभि काठपाल बताती हैं कि उन्हें वेब वर्ल्ड रिकॉर्ड की तरफ से पार्सल प्राप्त हुआ जिसमें एक चमचमाती ट्राफी के अलावा एक मेडल व सर्टिफिकेट है। उन्होंने बताया कि जून माह में नोमिनेशन हुआ था, उसने इसके लिए वेबसाईट पर फार्म भरा। इस समय काल के दौरान तीन बार उसका इंटरव्यू लिया गया व पूरी जांच पड़ताल के बाद 21 जून को वेब वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज हुआ व 5 जुलाई को उसको ट्राफी व अन्य सामान प्राप्त हुआ।
हरियाणा की बेटी सुरभि काठपाल ने 2019 में थाईलैंड में हुई 17वीं अंतरराष्ट्रीय नृत्य प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर भारत का परचम थाईलैंड में लहराया था। वहीं वर्ष 2023 में मेवात विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से विभूषित किया गया। सुरभि ने इसका पूरा श्रेय अपने गुरु डॉ संतोष कुमार सावरिया और डॉ मीनाक्षी कौशिक को दिया। सुरभि ने कहा की बचपन से ही उनकी माँ वर्षा काठपाल, पिता तिरलोक काठपाल समते सभी परिजनों ने हमेशा उसका प्रोत्साहन किया है। अब पानीपत में शादी के बाद पति चिराग पुनानी व पूरा परिवार के मोटिवेशन से वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए आवेदन किया था।
राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता हैं कत्थक नृत्यांगना सुरभि
सुरभि काठपाल राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुकी हैं। सुरभि काठपाल ने बताया कि बचपन से ही उसे नृत्य में दिलचस्पी होने लगी थी। महज तीन साल की अवस्था में ही नृत्य के प्रति लगाव हो गया था। इसके बाद बचपन में प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते-लेते कक्षा 12वीं और इसके बाद कॉलेज स्तर तक डांस में अनेकों पुरस्कारों पर कब्जा जमाया। समय के साथ शौक बढ़ता गया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ख्याति प्राप्त कर ली है। यही नहीं, सुरभि प्रेरणा वृद्ध आश्रम की सदस्य भी है। इसके साथ ही 90 जरूरतमंदों बच्चों को डांस के गुर देकर स्टेज पर प्रस्तुति दिलाने में सहयोग करती रही हैं। Kurukshetra
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