Supreme Court: नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार द्वारा सीईटी परीक्षा में 1.80 लाख सालाना आय वाले अभ्यर्थियों को 5 नंबर का आरक्षण दिए जाने के फैसले को असंवैधानिक बताया है। इसके पहले हाई कोर्ट ने आरक्षण को असंवैधानिक बताया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से 23 हजार युवाओं नियुक्ति पर असर पड़ेगा। उच्चतम न्यायालय में हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट की दो जज बेंच ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए 5 नंबर का आरक्षण समाप्त कर दिया है।
HC आरक्षण को बता चुका असंवैधानिक
Haryana and Punjab High Court ने कहा था कि यह फायदा देने से पहले न तो कोई डाटा एकत्रित किया गया और न ही कोई आयोग बनाया गया। इस प्रकार, पहले सीईटी में 5 अंकों का और फिर भर्ती परीक्षा में 2.5 अंकों का लाभ तो भर्ती का परिणाम पूरी तरह से बदल देगा। इन अंकों का फायदा देते हुए केवल पीपीपी धारकों को ही योग्य माना गया है जो संविधान के अनुसार सही नहीं है। Supreme Court
नियुक्ति में किसी फायदे को राज्य के लोगों तक सीमित नहीं रखा जा सकता है। एक बार अनुच्छेद 15 और 16 तथा नीति निर्देशक सिद्धांत पूरे भारत में लागू होते हैं। जहां सभी नागरिक रोजगार पाने के हकदार हों, वहां राज्य सरकार को सार्वजनिक रोजगार में नागरिकता के आधार पर विशेष आरक्षण लागू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
ये दिए थे सरकार को आदेश
Haryana and Punjab High Court ने सभी पदों के लिए नए सिरे से आवेदन मांगने और 6 माह के भीतर भर्ती पूरी करने का Haryana and Punjab High Court ने आदेश दिया था। हाईकोर्ट के आदेश से नियुक्ति पा चुके 23 हजार कर्मचारियों को नए सिरे आयोजित होने वाली भर्ती पूरी होने तक सेवा में बनाए रखने का आदेश दिया था यदि वे दोबारा आयोजित परीक्षा में पास होकर अपना स्थान नहीं बना पाते हैं तो उन्हें बर्खास्त करने का हाईकोर्ट ने आदेश दिया था। Supreme Court
इन्हें दी जा चुकी है नियुक्ति
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से ग्रुप सी और ग्रुप डी भर्ती के लिए कुल 401 श्रेणियों की भर्ती निकाली गई थी। समान प्रकार की भर्तियों को क्लब करते हुए आयोग ने इन श्रेणियों के कुल 63 ग्रुप बनाए थे। ग्रुप सी के 32 हजार पद, इसी श्रेणी में टीजीटी के 7471 पद शामिल हैं। इनके अलावा, ग्रुप डी के 13 हजार से अधिक पद हैं। इनमें से ग्रुप सी के 10 हजार और ग्रुप डी के 13 हजार पदों पर अंतिम परिणाम जारी करने के बाद इनको नियुक्ति भी दी जा चुकी है।