नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। उच्चतम न्यायालय ने मेडिकल पाठ्यक्रम की स्नातकोत्तर स्तर की राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश (नीट-पीजी -2022-23) की 21 मई को होने वाली परीक्षा स्थगित करने की मांग संबंधी याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की खंडपीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा,‘हमारा देश महामारी की चपेट से अब बाहर आ रहा है। इस हालात में मेडिकल शैक्षणिक सत्र को व्यवस्थित करना समय की मांग है। इक्कीस मई को परीक्षा कराना एक नीतिगत फैसला है। लिहाजा, यह अदालत इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती। शीर्ष अदालत ने कहा कि नीट-पीजी परीक्षाओं में पहले से ही देरी हो रही है। ऐसे में और देरी करने से अस्पतालों में रोगी देखभाल पर गंभीर प्रभाव होंगे, क्योंकि वहां सामान्य परिस्थितियों में उपलब्ध तीन बैचों की बजाए रेजिडेंट डॉक्टरों के केवल दो बैच ही उपलब्ध हैं। सर्वोच्च अदालत इस तथ्य पर गौर किया कि दो लाख से अधिक विद्यार्थियों ने परीक्षा के लिए पंजीकरण किया है। अंतिम समय में स्थगन अराजकता और अनिश्चितता पैदा करेगा। शैक्षणिक सत्र 2022-23 में दाखिले के लिए 21 मई को निर्धारित है। याचिकाकर्ता ने अदालत से नीट-पीजी परीक्षा स्थगित करने के लिये उचित दिशा निर्देश या आदेश देने की मांग की थी।
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