नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. सैफुद्दीन सोज की रिहाई संबंधी याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई करने से सोमवार को इनकार दिया और इसके लिए जुलाई के दूसरे सप्ताह की तारीख निर्धारित की। न्यायालय ने हालांकि कांग्रेसी नेता की पत्नी मुमताजुन्निसा की याचिका पर केंद्र सरकार एवं जम्मू कश्मीर प्रशासन से जवाब तलब किया। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा एवं न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश अभिषेक मनु सिंघवी का अगले सप्ताह सुनवाई करने का अनुरोध ठुकरा दिया। सिंघवी ने नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला के ऐसे ही मामले का उल्लेख करते हुए अगले सप्ताह सुनवाई करने का अनुरोध किया था, लेकिन न्यायमूर्ति मिश्रा ने इससे साफ इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि न्यायालय इस मामले की सुनवाई जुलाई के दूसरे सप्ताह में करेगा। इस बीच शीर्ष अदालत ने केंद्र और जम्मू कश्मीर प्रशासन को नोटिस जारी करके जवाब देने को भी कहा है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील सुनील फर्नांडिस ने याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री को गत वर्ष पांच अगस्त से ही नजरबंद करके रखा गया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि दस माह बीत जाने के बाद भी उनके पति को रिहा नहीं किया गया है, इसलिए न्यायालय से अनुरोध है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर को वयोवृद्ध कांग्रेसी नेता सैफुद्दीन सोज को रिहा करने का निर्देश दे।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।