उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की मतगणना पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

Supreme Court

नई दिल्ली (एजेंसी)। यूपी पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग पर उच्चतम न्यायालय में शनिवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने ग्राम पंचायत चुनावों की मतगणना की प्रक्रिया को कल से शुरू करने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने ये अनुमति राज्य चुनाव आयोग द्वारा दिए गए आश्वासन को ध्यान में रखते हुए दी है कि मतगणना केन्द्रों पर कोरोना से बचने के पर्याप्त उपाए किए जाएंगे। कोविड दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा।

क्या है पूरा मामला

याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव जारी रखने के लिए कहा गया था। याचिकाकर्ता का कहना था कि इसके चलते चुनावकर्मी और मतदाता बड़े पैमाने पर कोरोना संक्रमित हुए है। अब मतदान के सभी चरण पूरे हो चुके हैं। ऐसे में उच्चतमन्यायालय या तो मतगणना को फिलहाल रोक दे या सुरक्षा प्रोटोकॉल पर आदेश दे। कोर्ट ने शुक्रवार को कहा था कि वह राज्य चुनाव आयोग को सुनने के बाद ही कोई आदेश देगा।

सुप्रीम कोर्ट और सरकार…

सुप्रीम कोर्ट : जस्टिस एएम खेनवलकर व जस्टिस हरीशकेश राव की बेंच ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि क्यों ना यूपी में पंचायत चुनाव की मतगणना को दो हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया जाए।

सरकार ने कहा: उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि बहुत सोच समझकर मतगणना कराने का फैसला लिया गया है। कोविड गाइडलाइंस के अमल के साथ मतगणना को संपन्न कराया जाएगा। मतगणना रविवार को होनी है उस दिन उत्तर प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू है। हमें पूरी उम्मीद है कि इस दौरान हालात नहीं बिगड़ेंगे।

सुप्रीम कोर्ट: जस्टिस एएम खानविलकर ने कहा कि आपने कुल दो लाख 40 हजार सीट की मतगणना के लिए 800 सेंटर बनाये है। यानि हर सेंटर पर करीब तीन सौ सीट के वोट की गिनती होगी। यहां पर तो एक सीट पर कम से कम दस तो प्रत्याशी मतदान केंद्र में तो आएंगे ही।

सरकार ने कहा: सरकार ने जवाब दिया कि इन सभी सीटों की मतगणना एक साथ नहीं होगी। एक बार में आठ टेबल पर मतगणना होगी। इसके साथ ही प्रत्याशियों को भी पता होगा कि कब उनकी सीटो पर मतगणना होगी।

 

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