नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) को लेकर आदेश जारी किए हैं कि दोनों तरफ एक-एक लेन खोली जाए, ताकि एम्बुलेंस, बुजुर्गों, महिलाओं, विद्यार्थियों आदि को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा के पुलिस अधिकारियों को एक हफ्ते के भीतर इस संबंध में बैठक कर रूपरेखा तय करने को भी कहा है। अब इस मामले की सुनवाई 22 अगस्त को होगी। किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट किसानों से बात करने के लिए एक कमेटी बनाएगा। Supreme Court
शंभू बॉर्डर को खोलने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पटियाला और अंबाला के वरिष्ठ पुलिस कप्तानों और दोनों जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को बैठक करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गैर राजनीतिक कमेटी किसानों से बात करके मुद्दे सुलझाएगी, इस संबंध में केंद्र और पंजाब ने नाम सौंपे हैं।
शम्भू बॉर्डर | Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईवे ट्रैक्टर खड़ा करने के लिए नहीं है। एंबुलेंस के लिए हाईवे को आंशिक रूप से खोला जा सकता है। इसे आवश्यक सेवाओं, छात्रों और आसपास के क्षेत्र के दैनिक यात्रियों के लिए खोला जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर हरियाणा और पंजाब दोनों मिलकर मामला सुलझा लें तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार करने की जरूरत नहीं है।
गौरतलब है कि पंजाब के किसान फरवरी 2024 से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए आंदोलन कर रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव संहिता लागू हो गई। पंजाब की ओर बॉर्डर पर किसानों ने पक्का मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से ट्रैफिक रोक दिया जाता है। इसके चलते उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने का आदेश दिया था, लेकिन सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। Supreme Court
Holiday: इन स्कूलों की छुट्टी का हुआ ऐलान, जिला प्रशासन ने दिए आदेश