नई दिल्ली (एजेंसी)। उच्चतम न्यायालय ने लखीमपुर खीरी हत्याकांड की विशेष जांच दल (एसआईटी) जांच की निगरानी करने के लिए बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन को नियुक्त किया है। मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि जांच में पूर्ण ‘निष्पक्षता और स्वतंत्रता’ सुनिश्चित के उद्देश्य से न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन को नियुक्त किया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त किसी न्यायाधीश को जांच निगरानी का जिम्मा देने के लिए खंडपीठ को अपनी सहमति दी थी। शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के तीन वरिष्ठ अधिकारियों – एस. बी. शिरोडकर, दीपिंदर सिंह और पद्मजा चौहान को एसआईटी जांच दल में शामिल करने का भी आदेश दिया। अदालत ने कहा कि चार्जशीट (आरोप पत्र) दाखिल होने और न्यायमूर्ति जैन की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद वह इस मामले की अगली सुनवाई करेगी।
अब तो अजय मिश्रा का इस्तीफा ले सरकार : कांग्रेस
कांग्रेस ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में गत अक्टूबर को आंदोलन कर रहे किसानों को कुचलने के आरोप में गिरफ्तार केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा को बचाने के लिए जिला अदालत में उनके वकीलों की कई दलीलों के बावजूद उसके गुनाहों का खुलासा हो गया है इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केंद्रीय मंत्री को तत्काल मंत्री पद से हटा देना चाहिए। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया ‘अब तो सच सामने है।
अब देश के गृह राज्य मंत्री का इस्तीफा क्यों नहीं। अब क्या किसान की जान से ज्यादा कीमत मंत्री की कुर्सी की है। अब प्रधानमंत्री उसे क्यों बचा रहे हैं। देश जबाब माँगता है। उन्होंने इसके साथ ही एक खबर पोस्ट की है जिसमें लिखा है ‘तीन अक्टूबर को ढाई से साढेÞ तीन बजे तक कहां था साबित नहीं कर सका आशीष मिश्रा। बचाव पक्ष के लोगों ने न्यायालय को बताया कि 60 लोगों ने उसे घटना स्थल पर देखा था।
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