नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। उच्चतम न्यायालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री एवं आम आदमी पार्टी(आप) के नेता सत्येंद्र जैन की याचिका पर मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद डीई को यह नोटिस जारी किया। पीठ ने नोटिस जारी करते हुए स्पष्ट किया कि वह लॉन्ड्रिंग के आरोप से संबंधित गुण-दोष पर विचार नहीं करेगी, बल्कि वह सिर्फ निचली अदालत में चल रहे इस मामले के स्थानांतरण से जुड़े विवाद पर विचार करेगी करेगी। शीर्ष अदालत ने इस मामले पर अगली सुनवाई के लिए 31 अक्टूबर की तारीख मुकर्रर की।
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क्या है मामला:
मुख्य न्यायाधीश यू. यू. ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को जैन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल द्वारा शीध्र सुनवाई की गुहार स्वीकार करते इस मामले को मंगलवार को क्रम संख्या एक पर सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था। सिब्बल ने विशेष उल्लेख के दौरान अनुरोध किया था। जैन ने दिल्ली उच्च न्यायालय के एक अक्टूबर के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें उसने उनकी निचली अदालत में जमानत याचिका की सुनवाई वहीं की एक अन्य अदालत में स्थानांतरित करने के फैसले पर मुहर लगाई थी। जैन ने दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत द्वारा पारित उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका को यहीं की एक अन्य अदालत में स्थानांतरित करने की अनुमति दी गई थी। ईडी ने पांच अप्रैल को मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के आधार पर जैन की 4.81 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त किया था। इसके बाद मंत्री को गिरफ्तार कर लिया था। यह मामला 2015-17 के दौरान विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर संपत्ति अर्जित करने से जुड़ा हुआ है।
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