महापौर मोरटा डम्पिंग ग्राउंड पहुंची, व्यवस्था देख जताई सख्त नाराजगी
- नेचर ग्रीन की गाड़ी (कैप्सूल) जिसपर लिखा गीला कूड़ा, उसमे मिला मिक्स, सूखा कूड़ा
- बंद मिला डंपिंग ग्राउंड का ऑफिस, टेबल पर चढ़ी मिली धूल,कई नई मशीने खड़ी-खड़ी हो रही कबाड़
गाजियाबाद (सच कहूँ/रविंद्र सिंह)। महापौर सुनीता दयाल ने मोरटा स्थित डंपिंग ग्राउंड का औचक स्थलीय निरीक्षण किया। डंपिंग ग्राउंड पर भारी अनियमितताओ को देख महापौर सुनीता दयाल ने सख्त नाराजगी व्यक्त की। निरिक्षण के दौरान डम्पिंग ग्राउन्ड पर उन्हें एक बड़ा कूड़े का पहाड़ बना मिला। जिसमे कूड़े निस्तारण के लिए कोई मशीन चालू हालात में नही पाई गई। महापौर ने कहा कि ऐसा लग रहा था कि 15-20 दिन से मशीन चली ही नही है, और जिस कांटे पर कूड़े की गाड़ियों का बजन तुलकर जाता है। Ghaziabad News
वह कांटा भी खराब मिला, साथ ही एक गाड़ी जिसपर नेचर ग्रीन नामक कंपनी का नाम लिखा था और गीला कूड़ा हेतु उसका उपयोग होता है, उसमें सूखा व गीला कूड़ा मिक्स पाया गया। मोके पर गाड़ी मिक्स कूड़ा डालती मिली। डंपिंग ग्राउंड पर स्टाफ के लिए ऑफिस भी बंद पाया। ऑफिस खोलने पर ऑफिस में धूल डटी मिली और अधिकतम कैमरे भी बन्द मिले। स्थल पर बड़ी पोकलेन मशीन, अन्य मशीन खड़ी -खड़ी खराब होनी शुरू हो गयी हैं। स्थल पर कर्मचारियों से भी वार्ता की गई लेकिन उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। महापौर ने कहा कि निरीक्षण के दौरान ग्राउंड पर अधिक अनियमितता मिली है जिनको सुधारा जाएगा। Ghaziabad News
क्या बोली महापौर
महापौर ने कहा कि शहर का अहित एवं जनता के पैसे का दुरुपयोग नहीं होने दूंगी । जनता ने मेरे ऊपर विश्वास किया है उस विश्वास पर खरी उतरूंगी, लगातार शहर के हित में कार्य कर रही हूँ और यूँ करती रहूँगी।
क्या बोले जीरोंन कंपनी के सीईओ | Ghaziabad News
प्राइवेट फर्म जीरोन इंजीनियरिंग कंपनी के सीईओ अंकित अग्रवाल ने कहा कि हमारी कंपनी जीरोन इंजीनियरिंग के पास नगर निगम के कूड़े को डिस्पोज करने का टेंडर है। डम्पिंग ग्रांउण्ड नहीं यह देश का पहला मिनी वेस्ट -टू -एनर्जी प्लांट है। यहां कूड़ा अलग करके आरडीएफ तैयार किया जाता है। दस एकड़ प्राइवेट लेंड कम्पनी ने किराये पर ली हुई है। दो हजार मेट्रिक टन कूड़ा डिकम्पोज करने का आधुनिक प्लांट लगा है।
सभी मशीन भी कम्पनी की है। यहां मिक्स कूड़े को अलग किया जाता है। निगम के पांचों जोनों से 250 से 300 कूड़े की गाड़िया रोजाना आती है। यहां कूड़े को डिकम्पोस्ट किया जाता है। जोकि एनजीटी की गाइडलाइन के अनुसार कार्य करता है। एक टन कूड़ा डिस्पोज करने के बाद कम्पनी को मात्र 425रूपये का भुगतान निगम की ओर से होता है।
शिफ्ट में चलता है प्लांट
सीईओ अंकित अग्रवाल ने बताया कि यह प्लांट शिफ्ट में चलता है। सुबह 6 -7 बजे से दोपहर 1 -2 बजे तक उसके बाद दूसरी शिफ्ट शाम 4 बजे से रात बजे तक चलती है। दोपहर 2 बजे से शाम 4 बजे के बीच कंपनी का कोई कर्मचारी प्लांट पर नहीं होता। Ghaziabad News
प्रोसेसिंग : 45 दिन तक मिक्स कूड़े को सूखने के लिए रखा जाता है
सीईओ बताया कि प्रोसेसिंग के अनुसार मिक्स कूड़े को अलग करने के लिए 45 दिन तक मिक्स कूड़े को सूखने के लिए रखा जाता है. जोकि कूड़े के ढ़ेर के रूप में दिखता है। यहां केवल मिक्स वेस्ट कूड़ा आता है। निगम कचरा देता है और कंपनी उसे 45 दिन का प्रोसेसिंग करके डिस्पोज करती है।
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