Summer Vacations: गर्मी की छुट्टियां शुरु हो चुकी हैं। हर बार आपने इन छुट्टियों को अलग-अलग तरह से बिताया होगा। मगर वर्तमान स्थिति को देखते हुए मस्ती के साथ-साथ आपको कुछ अलग भी करने की जरूरत है।
सुधीर कुमार आपको बता रहे हैं गर्मी की छुट्टियों को सार्थक बनाने के वो तरीके, जिन्हें अपनाकर आप न सिर्फ स्वयं का विकास करेंगे, बल्कि बड़ों की नजरों में भी हीरा बन जाएंगे। गर्मी की छुट्टियों का जिक्र आते ही आंखों के सामने मस्ती का आवरण छा जाता है। बच्चों के लिए गर्मी की छुट्टी का एक ही मतलब होता है-मस्ती और सिर्फ मस्ती। विशेषकर स्कूलों में पढ़ रहे बच्चे बड़ी बेसब्री से लंबी छुट्टियों का इंतजार करते हैं। Summer Holidays 2023
छुट्टियों के दौरान बच्चों को विद्यालय के तनाव व दबाव-मुक्त वातावरण से कुछ दिनों के लिए मुक्ति मिल जाती है। इन दिनों देश भर में प्रचंड गर्मी पड़ रही है। इस वजह से स्कूलों में गर्मी की छुट्टियों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। गर्मी की छुट्टियाँ होते ही बच्चों की बांछें खिल उठती हैं। यह ऐसा समय होता है जब उन्हें न तो स्कूल जाना पड़ता है और न ही हर रात को होमवर्क खत्म करने का टेंशन होता है। Travel Tips
छुट्टियों के दिनों में बच्चे अपना एक अलग ही संसार बसा लेते हैं। उस संसार में किताबों के लिए बेहद कम जगह होती है। छुट्टियों के दौरान बच्चे अपनी पसंद के क्रियाकलाप करते हैं। जो बच्चे गांवों में रहते हैं, वे बगीचों की सैर करते हैं। फल तोड़ते हैं। अपना पसंदीदा खेल खेलते हैं। ठिठोली करते हैं। वहीं, जो बच्चे शहरों में होते हैं, वे भी गर्मियों में अपने गांव आना पसंद करते हैं। या फिर जिनका नाता गांवों से नहीं रहता, वे टीवी पर हर दिन अपना पसंदीदा कार्टून या धारावाहिक देखना पसंद करते हैं। अब चूंकि हर घर में एक-दो स्मार्टफोन आसानी से उपलब्ध हैं। इसलिए यूट्यूब के जरिए वीडियो देखना और प्लेस्टोर से पसंदीदा गेम डाउनलोड करके खेलना भी बच्चों को खूब भाता है। Summer Holidays 2023
छुट्टियों के दौरान बच्चों को घर के बड़ों जैसे, दादा-दादी और नाना-नानी का प्यार और दुलार भरपूर मिलता है। क्योंकि अधिकांश समय बच्चे उनकी नजरों के सामने ही रहते हैं। इस तरह, जिन घरों में माता-पिता कामकाजी हैं, वहां बच्चे घर के वरिष्ठ जनों के साये में रहते हैं। इससे उनकी अच्छी परवरिश तो होती ही है, साथ ही उनमें मूल्यों और संस्कारों का विकास भी होता है।
छुट्टियों की वजह से बच्चे परिवार के करीब आते हैं। क्योंकि हर दिन का रुटीन बच्चों को परिवार से दूर कर देती है। सुबह उठते ही स्कूल के लिए तैयार होना और स्कूल से लौटते ही होमवर्क पूरा करने का तनाव। नंबर के दबाव की वजह से बच्चे पढ़ाई पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे पाते और न ही उनका ध्यान खेलकूद की ओर हो पाता है। गर्मी की छुट्टियाँ बच्चों को ऐसे क्रियाकलाप में व्यस्तता बढ़ाती है, जिनमें उन्हें सर्वाधिक आनंद प्राप्त होता है। Summer Holidays 2023
गर्मी की छुट्टियों का अर्थ पढ़ाई से दूरी बनाने से कतई नहीं होना चाहिए। ऐसा करने से पढ़ाई में नुकसान होने की संभावना बनती है। हां, मस्ती भी हो और साथ में कुछ नया सीखने, जानने और पढ़ने की चाह हो तो छुट्टियों का बेहतर उपयोग किया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने ज्ञान और दक्षता को बढ़ा सकते हो। आपकी सहायता के लिए हम कुछ तरीके बता रहे हैं, जिस पर अमल करके आप अपनी कक्षा में विशिष्ट बन सकते हो और अपना ज्ञान और अपनी अलग पहचान बना सकते हो:-
पर्यावरण प्रहरी बनकर | Summer Holidays 2023
आपको पता होगा कि हमारा पर्यावरण बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है। प्राय: हर मौसम मानव जाति के लिए कठोर से कठोरतम होता जा रहा है। अभी हाल ही में, ब्रिटेन और आयरलैंड ने अपने देश में ‘जलवायु आपातकाल’ लागू करने की घोषणा की है। यह सब इसलिए किया जा रहा है, ताकि पृथ्वी के ताप को नियंत्रित किया जा सके। अभी कुछ दिनों पहले ओडिशा और पश्चिम बंगाल में फणि चक्रवात का असर दिखा था। इसके अलावा, भूकंप, भूस्खलन, बाढ़ और सूखा जैसी आपदाएं पहले से अधिक सक्रिय हुई हैं।
ऐसा औद्योगिक विकास की चाह के कारण हो रहा है और इससे बड़े पैमाने पर पर्यावरण दोहन हो रहा है। पेड़ों को काटकर उसकी जगह घर व शहर बसाए जा रहे हैं। वनों की बड़े पैमाने पर हो रही कटाई से वहां रहने वाले जीव-जंतुओं को खासी परेशानी हो रही है। अब सोचिए, पृथ्वी पर हम सबका बराबर अधिकार है। इसी नाते पृथ्वी की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी सामूहिक है। पृथ्वी को सुरक्षित रखने का सबसे आसान उपाय है-पौधे लगाना। इस बार जब आपकी गर्मी की छुट्टियां हों, तो कम से कम पांच फलदार पौधे लगाने का संकल्प लें। जितने दिन घर पर रहो, उसकी हिफाजत भी करना। फिर जब स्कूल खुल जाएंगे, तब हर हफ्ते उसकी खबर लेना मत भूलना। तुम्हारा इतना सा प्रयास पर्यावरण को सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
ऐतिहासिक स्थानों की सैर: Summer Holidays 2023
घूमना किसे पसंद नहीं होता! बात जब ऐतिहासिक धरोहर से जुड़े स्थानों पर जाने की हो तो ना करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे स्थानों पर जाने से कुछ अलग देखने को तो मिलते ही हैं, सामान्य ज्ञान भी मजबूत होता है। इन छुट्टियों में जब भी आपको मौका मिले किसी ऐतिहासिक स्थान की यात्रा जरुर करना। इससे आपको ये फायदा होगा कि आप जान पाओगे कि हमारा अतीत कैसा था। अतीत से जुड़ी वो तमाम यादें आज धरोहर के रूप में हमारे सामने है। इन्हें देखने मात्र से गौरव की अनुभूति होती है।
ये धरोहर भारतीय संस्कृति की विशिष्टता के प्रतीक हैं। लाल किला, इंडिया गेट, ताजमहल जैसे धरोहर देश की शान हैं। इस छुट्टी अगर घूमने का मन हो तो इन धरोहरों पर जरुर जाना। हर धरोहर के पास उससे जुड़ी जानकारी शिलापट्ट पर लिखी होती हैं। उसे पढ़कर अपना ज्ञान आसानी से बढ़ा सकते हो। इसका फायदा आपको इतिहास विषय पढ़ने के दौरान भी होगा। जब आप इन स्थलों के बारे में किताबों में पढ़ोगे तो पाओगे कि पढ़ने के दौरान तुम्हारी आँखों के सामने चित्र आ जाएंगे। आप महसूस करोगे कि ये तो उसी धरोहर की बात हो रही है, जहां आप गर्मी की छुट्टियों में गये थे।
कुछ नया सीखने का प्रयास | Travel Tips
बच्चो, आपने सुना होगा कि आज की दुनिया ‘नॉलेज बेस्ड’ है। इसका अर्थ यह हुआ कि आज इंसान की पहचान उसके ज्ञान से होती है। आपके पास जितना अधिक ज्ञान होगा, लोग उतना ही तुम्हारी कद्र करेंगे। इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हो कि क्लास में किसी कठिन सवाल का जवाब देने पर सभी बच्चे तुम्हारी ओर देखने लगते हैं और नियमित रूप से जवाब देने पर कई बच्चे तुमसे दोस्ती करना चाहते हैं। इसलिए जरूरी है कि अपने ज्ञान को निरंतर बढ़ाया जाए।
एक अच्छा विद्यार्थी वही कहलाता है, जो हर दिन कुछ नया सीखने के लिए प्रयासरत रहता है। ज्ञान आधारित समाज में सम्मानित जीवन जीने के लिए आवश्यक है कि कुछ न कुछ सीखते रहा जाए। सीखने के लिए हमारी नजरों के चारों तरफ अनेक चीजें मौजूद हैं। हर दिन 5 नये शब्दों (हिंदी या अंग्रेजी या अन्य भाषा के) को सीखने का क्रम चलता रहा तो आपके मस्तिष्क में शब्दों का अच्छा संग्रह बन जाएगा। सीखे गये इन शब्दों का फायदा आपको पाठ्यपुस्तकों को पढ़ते हुए मिलेगा। इसके अलावा हर दिन सामान्य ज्ञान की पुस्तक पढ़ सकते हो।
सीखने का एक और बेहतर तरीका है-अखबार पढ़ना। शुरू-शुरू में यह आपको उबाऊ लग सकता है। लेकिन इसके जरिए आप देश-दुनिया की तमाम घटनाओं से रुबरु हो सकते हो। अखबार आपके अंदर जिज्ञासा का भाव जगाएगा। अखबार में छपी जो बातें आपको समझ नहीं आए, उसे घर के बड़ों या फिर स्कूल के शिक्षकों से पूछ सकते हो।
स्वच्छता अभियान में सहायक बनकर
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी कहा करते थे कि स्वच्छता में ही ईश्वर का वास होता है। देश को स्वच्छ बनाने के लिए कई स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में आप भी इन छुट्टियों में एक जागरुक नागरिक का फर्ज निभा सकते हो। इसके लिए आपको बस सरल भाव से उन लोगों से अपील करनी होगी जो देश को गंदा करते हैं और कूड़े को कूड़ेदान में फेंकने की बजाय कहीं भी फेंक देते हैं। इसकी शुरूआत आप अपने घर से कर सकते हो। घर पर कोई ऐसा करता दिखे तो उन्हें बताना कि वे गलत कर रहे हैं। इसके अलावा अपने गांव या मुहल्ले में ऐसे लोग दिख जाएं ,तो उनके पास जाना और प्यार से कहना कि ‘देश को स्वच्छ बनाने में आपका योगदान चाहिए। यह सामूहिक प्रयासों से ही हो पाएगा, जिसमें आपका सहयोग आवश्यक है। ‘ऐसा करने से उन लोगों में जागृति तथा जिम्मेदारी आएगी, जिन्हें देश की स्वच्छता की फिक्र नहीं है। इस तरह लोगों से अपील करके आप जागरुक नागरिक की भूमिका निभा सकते हो।
मोबाइल गेम से दूरी बनाकर |
मोबाइल फोन पर गेम खेलना कई बच्चों की बुरी लत बन चुकी है। इन गेम से कुछ सीखने को तो नहीं मिलता, बस समय की बर्बादी ही होती है। दिनभर फोन पर चिपके रहने के कारण तनावग्रस्त होना भी आम बात है। गेम कभी-कभार खेला जाए तो ठीक है, लेकिन निरंतर खेलते रहने से स्वास्थ्य पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। गर्मी की इन छुट्टियों में मोबाइल गेम से थोड़ी दूरी बनाना और मैदान में जाकर दोस्तों के साथ खो-खो, क्रिकेट, फुटबॉल जैसे खेल खेलना। इन खेलों से आप स्वस्थ रह पाओगे तथा शरीर और मन दोनों तंदुरुस्त रहेगा।
किताबों से अच्छी कहानियां पढ़कर
कहानियों की किताबें पढ़ने के कई फायदे हैं। जैसे इससे हमारे अंदर पढ़ने की आदत का विकास होता है। भाषा पर पकड़ बढ़ती है। नये शब्द सीखने को मिलते हैं और कल्पनाशीलता का विकास भी होता है। नियमित पढ़ने से नये-नये विचार मस्तिष्क में आते हैं। इस बार गर्मी की छुट्टियों में कहानी या उपन्यास जरुर पढ़ें। इससे आपको अनेक फायदे होंगे। इसके अलावा जिस विषय में आप कमजोर हो, उसे भी नियमित रूप से पढ़ सकते हैं। पढ़ाई में भविष्य बनाने के लिए जरूरी है कि पढ़ने की आदत को बरकरार रखा जाए। इसमें पाठ्यपुस्तक के अलावा अन्य किताबें भी मददगार साबित होती हैं।
पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था | Summer Holidays 2023
इन दिनों देश में प्रचंड लू चल रही है। तलैया, तालाब, नदी जैसे जलस्रोत बड़ी तेजी से सूख रहे हैं। जलवायु परिवर्तन से एक तरफ पक्षियों का जीवन खतरे में है, वहीं दूसरी तरफ जो पक्षी जीवित भी हैं, वे कष्टमय जीवन बीता रहे हैं। कई पक्षी छांव तथा दाना-पानी की खोज में भटकते-भटकते अपने प्राण त्याग देते हैं। अगर आपने ‘रोबोट 2.0’ मूवी देखी हो, तो याद होगा कि वह पूरी फिल्म पक्षियों पर ही केन्द्रित है। फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह मोबाइल टावर से निकलने वाली विकिरणें पक्षियों की जान ले रही हैं।
पक्षीराजन (अक्षय कुमार) पक्षियों का बचाने का हरसंभव प्रयास करता है। वह पक्षियों के लिए न सिर्फ अपने बगीचे में दाना-पानी की व्यवस्था करता है, बल्कि लोगों से मोबाइल के सीमित इस्तेमाल की अपील भी करता है। पक्षीराजन की तरह आप भी इन छुट्टियों में कई पक्षियों का जीवन बचा सकते हो। इसके लिए कोई पुरानी बोतल हो, उसे काटकर या पुराने मग या कटोरे में पानी और अनाज अपने बगीचे में या फिर घर के बाहर या घर की छत पर रख सकते हो। तुम देखोगे कि कुछ ही समय में अनाज और पानी की मात्रा घटने लगेगी। हर रोज दाना-पानी रखने का यह क्रम आप पूरी छुट्टी भर चला सकते हो, इससे कई पक्षियों का जीवन बचाया जा सकेगा।