सुखदर्शन सिंह इन्सां अमर रहे के नारे के साथ दी अंतिम विदाई
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मौजगढ़ के तीसरे शरीरदानी बने सुखदर्शन सिंह इन्सां
सच कहूँ/अनिल, डबवाली/गोरीवाला। लेकर कहां कुछ वापस जाना, यह शरीर भी यहां दान है…। यह कोई झूठ नहीं बल्कि हकीकत है। कलयुग के इस भयानक दौर में आज समाज में जहां इंसानियत मृतप्राय हो गई है। चारों और रिश्ते नाते खंडित हो रहे हैं। वही सर्वधर्म संगम संस्था डेरा सच्चा सौदा सरसा के अनुयायी पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा दिखाई गई इंसानियत की राह पर चलते हुए समाज के लिए अनुकरणीय मिसाल बनकर सामने आ रहे हैं। इसी का प्रत्यक्ष उदाहरण ब्लाक डबवाली के गांव मौजगढ़ के 84 वर्षीय सुखदर्शन सिंह इन्सां के परिवार में देखने को मिला। जहां मंगलवार को देर सांय सुखदर्शन सिंह इन्सां का पार्थिव शरीर नेशनल कैपिटल रीजन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस मेरठ (यूपी) को मेडिकल रिसर्च के लिए दान किया गया। शरीर दानी सुखदर्शन सिंह इन्सां ने पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज से नाम की अनमोल दात प्राप्त की थी। शरीरदानी सुखदर्शन सिंह इन्सां डेरा सच्चा सौदा सरसा के अग्रणी सेवादार थे। उन्होंने अपने जीवन में हमेशा ही मानवता भलाई के कार्यों को पूर्ण निष्ठा से निभाया तथा अपने परिवार को भी इसी राह पर चलने के लिए प्रेरित किया।
साध-संगत ने फूलों से सजी गाड़ी में दी अंतिम विदाई
बड़ी संख्या में पहुंची साध संगत व रिश्तेदारों ने शरीरदानी की मृतदेह को फूलों से सजी गाड़ी में रख गगनभेदी नारों जब तक सूरज चांद रहेगा सुखदर्शन सिंह इन्सां तेरा नाम रहेगा…,शरीरदानी सुखदर्शन सिंह इन्सां अमर रहे के साथ नेशनल कैपिटल रीजन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस मेरठ यूपी के लिए रवाना किया। इस मौके पर इन्द्रपाल सिंह इन्सां, लखविन्द्र सिंह इन्सां,अमनजोत इन्सां, नामजोत इन्सां, ज्वाला सिंह इन्सां,कवरजीत सिंह इन्सां, गुरशरण सिंह इन्सां,गुरविन्द्र सिंह इन्सां, हरपिन्द्र सिंह इन्सां, गुरजीत सिंह चहल,जसपाल सिंह बराड़, रविन्द्र सिंह, पिन्द्र पाल, दविन्द्र सिंह, अजीत पाल, सुखदीप सिंह, महल सिंह इन्सां, 45 मैम्बर बहन रूपा इन्सां, 25 मैम्बर जगतार सिंह इन्सां,15 मैम्बर लाल चन्द इन्सां,15 मैम्बर सुशील इन्सां,15 मैम्बर राज सिंह इन्सां, नीटा इन्सां, जगसीर सिंह इन्सां, औम प्रकाश इन्सां के साथ रिश्तेदार व साध-संगत मौजूद रही।
बेटियों व पुत्रवधू ने दिया अर्थी को कंधा
बेटा बेटी एक समान मुहिम को कारगर सिद्ध करते हुए पुत्रवधुओं वीरपाल कौर इन्सां,अमृत पाल कौर इन्सां व सुपौत्रियां तरनदीप कौर इन्सां,नवदीप कौर इन्सां व राजप्रीत और इन्सां ने कंधा देकर समाज के लिए अनुकरणीय मिसाल पेश की।
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