इसका पहला परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को किया गया था | Agni-5
बालेश्वर (एजेंसी)। स्वदेशी तकनीक से निर्मित परमाणु क्षमता से लैस 5000 किलोमीटर तक की मारक क्षमता वाली अन्तरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 (Agni-5) का सोमवार को सफल परीक्षण किया गया। रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित इस मिसाइल का ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप से दोपहर बाद एक बजकर 30 मिनट पर परीक्षण किया गया। इसके विकसित होने से भारत दुनिया का पांचवां देश बन गया है। तीन चरण में ठोस इंजन से चलने वाली अग्नि-5 मिसाइल को अब्दुल कलाम द्वीप (व्हीलर द्वीप) स्थित समेकित परीक्षण क्षेत्र के परिसर चार से हवा में दागा गया। यह मिसाइल एक टन से अधिक वजनी मुखास्त्र ढो सकती है और यह एक साथ कई क्षेत्रों में प्रहार कर सकती है।
इस मिसाइल को सामरिक बल कमान और डीआरडीओ ने सबसे उन्नत प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके संयुक्त रूप से विकसित किया है। इसका पहला परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को किया गया था। सूत्रों ने बताया कि इस मिसाइल का यह सातवां सफल परीक्षण है। इससे पहले इसका छठा परीक्षण तीन जून 2018 को किया गया था।
इस मिसाइल का यह सातवां सफल परीक्षण है | Agni-5
अग्नि सीरीज की मिसाइलों में अग्नि-5 सबसे उन्नत वर्जन है जिसमें कई नयी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। देश में 700 किलोमीटर तक मारक क्षमता वाली अग्नि-1, लगभग 20000 किलोमीटर तक प्रहार क्षमता वाली अग्नि-2 और करीब 3000 किलोमीटर तक की मारक क्षमता वाली अग्नि-3 और अग्नि-4 मिसाइलें पहले से हैं।
सूत्रों ने बताया कि इस मिसाइल का यह सातवां सफल परीक्षण है। इससे पहले इसका छठा परीक्षण तीन जून 2018 को किया गया था। अग्नि सीरीज की मिसाइलों में अग्नि-5 सबसे उन्नत वर्जन है जिसमें कई नयी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। देश में 700 किलोमीटर तक मारक क्षमता वाली अग्नि-1, लगभग 20000 किलोमीटर तक प्रहार क्षमता वाली अग्नि-2 और करीब 3000 किलोमीटर तक की मारक क्षमता वाली अग्नि-3 और अग्नि-4 मिसाइलें पहले से हैं।
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