Chandrayaan-3 Moon Landing LIVE Updates: भारत का तीसरा चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ सफलतापूर्वक लैंड हो चुका है, देश में खुशी का माहौल बना हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसरो को इसके लिए बधाई दी है।
वहीं अब लोगों का यह प्रश्न बना हुआ है कि चंद्रयान-3 से सिर्फ गौरव और सम्मान ही मिलेगा या फिर 615 करोड़ वाले इस मिशन से आम इंसानों को भी कोई फायदा होगा। हमारे लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि चंद्रयान-3 मिशन से देश, इसरो और आम जनता को किस तरह का फायदा होगा, और कौन सा फायदा भविष्य में होगा। लोगों को क्या लाभ होगा जो रोजमर्रा महत्व करते हैं। तो चलिए जानते हैं कि चंद्रयान-3 से किसको क्या फायदा होगा। [
वैज्ञानिकों को क्या फायदा होगा? Chandrayaan-3 Moon Landing
वैज्ञानिक कुल मिलाकर विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर मिलकर चांद के वायुमंडल, सतह, रसायन, भूकंप, खनिज आदि की जांच करेंगे। इससे ना केवल इसरो बल्कि दुनिया भर के वैज्ञानिकों को भविष्य की स्टडी के लिए जानकारी मिलेंगी और उन्हें रिसर्च करने में आसानी होगी।
चंद्रयान-3 से देश को क्या फायदा होगा?
भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है, जिसने यह सफलता हासिल की है। इससे पहले यह कीर्तिमान रूस, अमेरिका और चीन से स्थापित किया था। इससे देश का गौरव बढ़ा।
इसरो को क्या फायदा होगा?
इसरो दुनिया में अपनी किफायती कॉमर्शियल लांचिंग के लिए जाना जाता है। इसरो अब तक 34 देशों के लिए 424 विदेशी सैटेलाइट्स को जोड़ चुका है, इसरो 104 सैटेलाइट एक साथ भी जोड़ चुका है वे भी एक ही रोकेट से। इसरो के मिशन चंद्रयान-1 ने चांद पर पानी खोजा और चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर आज भी काम कर रहा है। उसी ने चंद्रयान-3 के लिए लैंडिंग साइट खोजीं और मंगलयान का परचम तो दुनिया देख ही चूकी है। चंद्रयान-3 की सफलता और इसरो का नाम दुनिया की सबसे बड़ी स्पेस एजेंसियों में शामिल कर दिया जाएगा।
आम लोगों को क्या फायदा होगा?
चंद्रयान और मंगलयान जैसे स्पेसक्राफ्टस में लगे पेलोड्स हनी यानी यंत्रों का इस्तेमाल बाद में मौसम और संचार संबंधित सैटेलाइट्स में होता है। जानकारी के लिए बता दें कि इनका उपयोग रक्षा संबंधी सैटेलाइट्स और नक्शा बनाने वाली सैटेलाइट्स में होता है। इन यंत्रों से देश में मौजूद लोगों की भलाई का काम होता है और संचार व्यवस्थाएं विकसित करने में मदद मिलतीं है एवं निगरानी आसान हो जातीं हैं।