पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुए निकाय चुनावों में तृणमूल कांग्रेस को अच्छी खासी कामयाबी मिली जिससे पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी सहित कार्यकर्ताओं को भी राहत मिली। साथ ही उनकी हौसला अफजाई भी हुई है। चुनाव से पहले टीएमसी में उहापोह की स्थिति थी। प्रदेश के राजनीतिक विश्लेषक भी यह मान रहे थे कि टीएमसी को झटका लग सकता है मगर तमाम अटकलों और आरोपों-प्रत्यारोपों के बीच आखिरकार टीएमसी को आशातीत सफलता मिली।
प्रदेश की सात नगर निगम सीटों में से चार पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कब्जा जमा लिया है। बाकी की तीन सीटों पर भाजपा अलाएंस को सफलता मिली है। सबसे बड़ी बात कि राज्य के मैदानी इलाके में भी तृणमूल कांग्रेस ने कब्जा जमा लिया है। दोमकल,रायगंज और पुजाली के अलावा पर्वतीय क्षेत्र मिरिक के चुनावों में तृणमूल कांग्रेस ने काफी अंतर से जीत दर्ज की।
इस सफलता पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि -यहां की जनता ने मां, माटी मानुष के प्रति अपनी आस्था दिखाई है। वास्तव में ये मां, माटी मानुष और आम जनता की जीत है। ममता बनर्जी ने तो ट्वीट करके इतना तक कह डाला कि-‘पर्वत मुस्कुरा रहे हैं’। बहरहाल इस जीत को लेकर ममता बनर्जी खासी उत्साहित हैं और इसके लिए वह यहां की जनता को धन्यवाद् देती हैं।
उधर तीन सीटों पर बीजेपी अलाएंस को मिली भारी जीत से एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी के नेताओं में खुशी की लहर है, वहीं गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) भी बेहद उत्साहित है। दरअसल गोरखा जनमुक्ति मोर्चे के साथ भाजपा का अलायंस है। देखा जाए तो गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने दार्जिलिंग,कुर्सियांग और कलिम्पोंग निकायों में अपनी भारी जीत दर्ज करके यह जता दिया है कि इन क्षेत्रों में उनकी साख कायम है।
आंकड़ों के मुताबिक गोरखा जनमुक्ति मोर्चे ने सात नगर निगम क्षेत्रों की 148 सीटों में से 69 सीटों पर कब्जा जमाया तथा तीन सीटों पर बीजेपी को जीत हासिल हुई। टीएमसी को 68 ,कांग्रेस व लेफ्ट को 4 एवं जन अधिकार पार्टी को को 2 सीटें मिलीं।
मुर्शिदाबाद जिले के दोमकल में तृणमूल कांग्रेस ने 21 में से 18 सीटों पर कब्जा जमाया। कांग्रेस को दो और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को महज एक सीट मिला। उधर, रायगंज में 27 वार्डों में से टीएमसी को 14 वार्डों में जीत मिली है। वहीं, सीपीआईएम-कांग्रेस के खाते में 2 और बीजेपी के खाते मे एक वार्ड आया है। पुजाली में पार्टी को 16 में से 12 वॉर्ड और बीजेपी, सीपीआईएम को एक-एक वार्ड मिला है।
मिरिक नगरपालिका में टीएमसी ने 9 में से 6 वार्डों को अपने नाम कर जीत हासिल की है। वहीं गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) को तीन वार्ड मिले हैं। आपको बता दें कि 14 मई को हुए मतदान में कुल 68 प्रतिशत मतदान हुआ था। सातों निकायों में से पुजाली में सबसे ज्यादा 79.6 प्रतिशत और दार्जिलिंग में सबसे कम 52 प्रतिशत मतदान हुआ था।
इस चुनाव परिणाम को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है कि -‘चुनाव के दौरान सत्तासीन तृणमूल कांग्रेस ने जमकर धन और बल का प्रयोग किया। यह बात किसी से भी छिपी हुई नहीं है। तृणमूल कांग्रेस के लोगों ने डरा धमकाकर वोट हासिल किये,जो बिलकुल गलत है।’ दिलीप घोष का कहना है कि -‘इस निकाय चुनाव में लोकतंत्र की नृशंस हत्या हुई है।’ हालांकि आगामी विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को भारी शिकस्त देने की रणनीति बना रही बीजेपी को एक झटका जरूर लगा है।
राजनीति के जानकार कहते हैं कि बीजेपी को अगर सफलता अर्जित करनी है तो जमीनी स्तर पर काम करना होगा। रणनीति में बदलाव लाकर जन आंदोलनों में तेजी लानी होगी। राजनीतिक विश्लेषक यह भी मानते हैं कि बीजेपी के कार्यकर्ता कहीं-कहीं महज मोदी-लहर पर ही भरोसा करने लगे हैं जबकि जरूरत है ठोस और जमीनी आंदोलनों की। जनता के दिलों में आस्था और विश्वास स्थापित करने के किये अनवरत संघर्ष तो करना ही होगा।
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