मिताथल के सरकारी स्कूल पर छात्राओं ने जड़ा ताला

Demand

विडंबना। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं अभियान को पलीता, शिक्षकों के अभाव में पढ़ाई बाधित

  • ट्रांसफर पॉलिसी के तहत अध्यापकों के पद किए खत्म (Demand)

भिवानी (सच कहूँ/इन्द्रवेश दुहन)। प्रदेश सरकार द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का (Demand) नारा भिवानी जिला के गाँव मिताथल में झूठा साबित होता नजर आ रहा हैं। मिताथल के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में अध्यापकों की कमी के चलते छात्राओं को स्कूल पर ताला जड़कर अपनी मांग उठानी पड़ी। लगभग एक माह पहले प्रदेश सरकार ने आॅनलाईन पोर्टल के माध्यम से लगभग 15 हजार अध्यापकों के तबादले किए थे, जिसके बाद यहां पर अध्यापकों की कमी हो गई।

पंचायत व छात्राओं द्वारा उच्च अधिकारियों को शिकायत भेजे जाने के बाद भी जब अध्यापक नहीं पहुंचे तो पढ़ने की इच्छुक बेटियों ने मजबूरन स्कूल को ताला जड़कर स्थाई अध्यापक नियुक्त किए जाने की मांग की। शिक्षा विभाग से कक्षा 6 से 8 तक में सामाजिक विज्ञान विषय का अध्यापक व अन्य कक्षाओं में गणित, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र व हिन्दी विषयों पर विशेष अध्यापक की स्थाई नियुक्ति की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।

  • प्रदर्शन के दौरान छात्रा बेहोश हो गई
  • जिससे ग्रामीणों और छात्राओं में रोष बढ़ गया
  • ग्रामीणों ने कहा कि जो अध्यापक हैं
  • वे अच्छी तरह से विद्यार्थियों को बेहतरीन शिक्षा दे रहे हैं
  • पिछले कुछ दिनों से अनेक विषयों के अध्यापक नहीं हैं
  • कुछ विषयों पर पोस्ट खत्म कर दी

 लेकिन कुछ विषयों के अध्यापकों को यहां उठा दिया गया है। जिसके कारण छात्राओं की पढ़ाई बाधित हो रही है। छात्राओं ने कहा कि उनकी परीक्षाएं आरंभ हो चुकी हैं, लेकिन कई विषयों में अध्यापक न होने के कारण उनकी तैयारियां नहीं हो पाई हैं। उन्होंने कहा कि उपरोक्त सभी विषयों पर स्थाई अध्यापकों की नियुक्ति की जाए।

देरी से छात्राओं की पढ़ाई बाधित हो रही है (Demand)

ग्रामीण नरेश सिवाच ने बताया कि स्कूल में अध्यापकों की कमी के चलते छात्राओं की पढ़ाई बाधित हो रही है। इसके लिए उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी से अनेक बार बातचीत कर चुके हैं हर बार शिक्षा अधिकारी ने आश्वासन दिया स्कूल में शीघ्र ही अध्यापकों की नियुक्ति की जाएगी। लेकिन हर रोज हो रही देरी से छात्राओं की पढ़ाई बाधित हो रही है। ग्रामीणों ने प्राचार्य जगमोहन से अध्यापकों की कमी के बारे में बातचीत की तो वे पूर्णरूप से संतुष्ट नहीं कर पाए।

बेटियों ने सुनाया दुखड़ा

  • छात्राओं का कहना है कि अर्थशास्त्र विषय की 19 छात्राएं है
  • जबकि 7 छात्राएं होने पर अध्यापक की पोस्ट होती है
  •   यहां से खत्म कर दी गई है
  • इसके अलावा हिंदी व विज्ञान के विषय भी तीन दिन यहां पढ़ाते हैं

तथा बाकी तीन दिन अन्य स्कूल में कार्यरत्त है। उन अध्यापकों की भी यहां पर नियुक्ति की जाए। अब देखना होगा कि पढ़ने को आतुर इन छात्राओं को स्थाई अध्यापक मिल पाते है या नहीं। क्योंकि चुनाव आचार संहिता के चलते निदेशालय स्तर पर भी कोई स्थानांतरण यहां अगले एक माह तक संभव नहीं है।

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