सरकारी विद्यालय में दाखिला लेने के इच्छुक विद्यार्थियों को तुरंत मिलेगा ऑनलाइन दाखिला
- स्कूल मुखिया दाखिले के पश्चात विद्यार्थी के पिछले स्कूल को दाखिला संबंधी देंगे लिखित सूचना
- 15 दिन में जारी करनी होगी एसएलसी, अन्यथा बाद में स्वत: ही एसएलसी जारी मानी जाएगी
सरसा(सच कहूँ/सुनील वर्मा)। प्राइवेट स्कूलों से सरकारी विद्यालयों में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। क्योंकि सरकारी स्कूल में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी को अब एसएलसी यानि स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट के लिए प्राइवेट स्कूलों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। सोमवार को शिक्षा निदेशालय ने बड़ा फैसला लेते हुए हरियाणा के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों, खंड शिक्षा अधिकारियों एवं सरकारी स्कूलों के मुखियाओं को पत्र जारी कर निर्देश दिए है कि जो विद्यार्थी सरकारी स्कूल में दाखिला लेना चाहता है, उसका तुरंत प्रभाव से सरकारी स्कूल में आॅनलाइन दाखिला करें और पिछले स्कूल को विद्यार्थी के दाखिला की लिखित सूचना देकर 15 दिन के अंदर एसएलसी जारी करने का आग्रह करें। वहीं विभाग द्वारा जारी किए गए पत्र में स्पष्ट लिखा गया है कि अगर 15 दिन में एसएलसी जारी नहीं की गई तो इसके पश्चात स्वत: ही एसएलसी जारी हुई मान ली जाएगी।
प्राइवेट विद्यालय एसएलसी देने में करते हैं आनाकानी
दरअसल हर वर्ष नए शिक्षा सत्र के दौरान बहुत से विद्यार्थी प्राइवेट स्कूलों से हटकर सरकारी स्कूलों में दाखिला लेना चाहते हैं। मगर उन्हें दाखिला के लिए अपने पिछले स्कूल से एसएलसी लेना जरूरी था और प्राइवेट स्कूल उन्हें जल्दी से एसएलसी देते नहीं थे। जिस कारण बहुत से विद्यार्थी सरकारी स्कूल में दाखिला लेने से वंचित रह जाते थे। अब जब कोरोना महामारी के दौरान सरकारी स्कूलों में आॅनलाइन दाखिले किए जा रहे हैं। इस दौरान भी प्राइवेट स्कूलों द्वारा एसएलसी जारी नहीं करने की शिकायत मिल रही थी, जिस पर अब शिक्षा निदेशालय द्वारा यह फैसला लिया गया है। पत्र में लिखा गया है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की अनुपालना में विद्यार्थी अपनी इच्छा के विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने के लिए अधिकृत है।
‘‘शिक्षा निदेशालय द्वारा एसएलसी संबंधी पत्र जारी किया गया है। जिसके बारे में सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को अवगत करवा दिया जाएगा। पत्र के मुताबिक सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने के इच्छुक विद्यार्थियों को आॅनलाइन दाखिला दिया जाएगा और उनके पिछले स्कूल को एसएलसी देने के लिए लिखित में अवगत करवाया जाएगा। अगर फिर भी विद्यालय एसएलसी जारी नहीं करते तो स्वत: ही एसएलसी जारी हुई मान ली जाएगी।
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