पंजाब, जम्मू-कश्मीर में भूकंप के तेज झटके, लोग घरोें से बाहर निकले, भूकंप की तीव्रता 5.7

Earthquake, Japan

श्रीनगर (एजेंसी)। पंजाब,जम्मू-कश्मीर, दिल्ली एनसीआर में शनिवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किये गये। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.7 मापी गयी। भूकंप के कारण किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। जम्मू-कश्मीर मौसम विभाग ने बताया कि कश्मीर में सुबह करीब 9:46 बजे भूकंप के झटके महसूस किये गये। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा क्षेत्र में सतह से 181 किलोमीटर की गहराई में था। भूकंप से फिलहाल जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। लेकिन भूकंप के झटकों से लोगों में दहशत जरूर फैल गई और लोग फौरन घरों से निकलकर सड़कों पर आ गए।

भूकंप क्यों आता है?

हमारी धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है, इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत, वर्गों में बंटी हुई है, जिन्हें टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं, लेकिन जब ये बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप आ जाता है। ये प्लेट्स क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर, दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इसके बाद वे अपनी जगह तलाशती हैं और ऐसे में एक प्लेट दूसरी के नीचे आ जाती है।

भूकम्प की परिभाषा

भूकंप को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है कि पृथ्वी के भूपटल में उत्पन्न तनाव के आकस्मिक मुक्त होने से धरती की सतह के हिलने की घटना भूकंप कहलाती है। इस तनाव के कारण हल्का सा कंपन उत्पन्न होने पर पृथ्वी में व्यापक स्तर पर उथल-पुथल विस्तृत क्षेत्र में तबाही का कारण बन सकती है। जिस बिंदु पर भूकंप उत्पन्न होता है उसे भूकंपी केंद्रबिंदु और उसके ठीक ऊपर पृथ्वी की सतह पर स्थित बिंदु को अधिकेंद्र अथवा अंत: केंद्र के नाम से जाना जाता है। अधिकेंद्र की स्थिति को उस स्थान के अक्षांशों और देशांतरों के द्वारा व्यक्त किया जाता है।

कैसे मापा जाता है?

भूकंप की तीव्रता मापने के लिए रिक्टर स्केल का पैमाना इस्तेमाल किया जाता है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। भूकंप की तरंगों को रिक्टर स्केल 1 से 9 तक के आधार पर मापता है। रिक्टर स्केल पैमाने को सन 1935 में कैलिफॉर्निया इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलाजी में कार्यरत वैज्ञानिक चार्ल्स रिक्टर ने बेनो गुटेनबर्ग के सहयोग से खोजा था।

इस स्केल के अंतर्गत प्रति स्केल भूकंप की तीव्रता 10 गुणा बढ़ जाती है और भूकंप के दौरान जो ऊर्जा निकलती है, वह प्रति स्केल 32 गुणा बढ़ जाती है। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि 3 रिक्टर स्केल पर भूकंप की जो तीव्रता थी, वह 4 स्केल पर 3 रिक्टर स्केल का 10 गुणा बढ़ जाएगी। रिक्टर स्केल पर भूकंप की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 8 रिक्टर पैमाने पर आया भूकंप 60 लाख टन विस्फोटक से निकलने वाली ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है।

क्या होता है रिक्टर स्केल

भूकंप के समय भूमि में हुई कंपन को रिक्टर स्केल या मैग्नीट्यूड कहा जाता है। रिक्टर स्केल का पूरा नाम रिक्टर परिणाम परीक्षण ( रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल ) है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर जितनी ज्यादा होती है, भूमि में उतना ही अधिक कंपन होता है। जैसे-जैसे भूकंप की तीव्रता बढ़ती है नुकसान भी ज्यादा होता है। जैसे रिक्टर स्केल पर 8 की तीव्रता वाला भूकंप ज्यादा नुकसान करेगा। वहीं 3 या 4 की तीव्रता वाला भूकंप हल्का होगा।

रिक्टर पैमाने पर तीव्रता प्रभाव

  • 0 से 1.9 सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।
  • 2 से 2.9 हल्का कंपन।
  • 3 से 3.9 कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा अहसास
  • 4 से 4.9 खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकते हैं।
  • 5 से 5.9 फर्नीचर हिल सकता है।
  • 6 से 6.9 इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
  • 7 से 7.9 इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
  • 8 से 8.9 इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।

भूकंप आने पर क्या करें?

  • भूकंप आने के बाद अगर आप घर में हैं तो कोशिश करें कि फर्श पर बैठ जाएं। या फिर अगर आपके घर में टेबल या फर्नीचर है तो उसके नीचे बैठकर हाथ से सिर को ढक लेना चाहिए।
  • भूकंप आने के दौरान घर के अंदर ही रहें और जब झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें।
  • भूकंप के दौरान घर के सभी बिजली स्विच को आॅफ कर दें।

 

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