मेक्सिको सिटी (एजेंसी)। मेक्सिको के पश्चिम-मध्य इलाके में सोमवार को भूकंप के जोरदार झटके महसूस किये गये जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गयी जबकि कुछ संरचनात्मक क्षति हुई। मैक्सिकन राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर ने नौसेना मंत्रालय से एक रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद कहा कि पश्चिमी कोलिमा राज्य में एक समुद्र तट रिसॉर्ट, मंजानिलो में एक शॉपिंग सेंटर में दीवार गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। राष्ट्रपति सोमवार को स्थानीय समयानुसार दोपहर 1:05 बजे आए भूकंप से सबसे अधिक प्रभावित राज्यों विशेष रूप से कोलिमा और मिचोआकन के राज्यपालों के संपर्क में थे। राजधानी मेक्सिको सिटी के कुछ हिस्सों को भी हालांकि भूकंप का झटका लगा था।
तीव्रता 7.7
संघीय विद्युत आयोग (सीएफई) के अनुसार, मेक्सिको सिटी, पड़ोसी राज्य मेक्सिको, मिचोआकन, कोलिमा और जलिस्को में 12 लाख लोग बिजली के बिना रह गए थे। प्रभावित लोगों में से 68 प्रतिशत को बिजली पहले ही बहाल कर दी गई। राष्ट्रीय भूकंपीय सेवा (एसएसएन) ने मूल रूप से 7.4 की प्रारंभिक तीव्रता के साथ भूकंप की सूचना दी थी, लेकिन दो घंटे बाद इसकी तीव्रता 7.7 हो गई। एसएसएन के अनुसार, भूकंप का केंद्र कोलकोमन से 63 किमी दक्षिण में मिचोआकन में 15 किलोमीटर की गहराई में स्थित था। स्थानीय समयानुसार दोपहर 3:20 बजे तक, भूकंपीय सेवा ने 5.3 की सबसे बड़ी तीव्रता के साथ 168 झटके दर्ज किए थे।
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1985 में आया था विनाशकारी भूकंप
भूकंप 1985 के विनाशकारी भूकंप की याद में एक वार्षिक राष्ट्रव्यापी भूकंप ड्रिल के तुरंत बाद आया। वर्ष 1985 में आए भूकंप ने पूरे मेक्सिको सिटी में हजारों लोगों की जान ले ली और इमारतों को गिरा दिया। यह 2017 में आए भूकंप के झटके की पुनरावृत्ति थी, जब एक निर्धारित ड्रिल के कुछ ही मिनटों बाद एक मजबूत भूकंप आया, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे। देश भर के लाखों मेक्सिकोवासियों ने अभ्यास में भाग लिया, व्यवस्थित तरीके से ऊंची इमारतों को खाली कराया गया। मेक्सिको सिटी की मेयर क्लाउडिया शिनबाम ने ट्वीट किया,ह्लसौभाग्य से देश की राजधानी में सोमवार को आए भूकंप के बाद कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
क्यों आता है भूकंप
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है। इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट, क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर हिलती रहती हैं। जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है। ये प्लेट क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इसके बाद वह स्थिर रहते हुए अपनी जगह तलाशती हैं इस दौरान एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाता है।
कैसे मापा जाता जाता है भूकंप की तिव्रता
भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर स्केल का पैमाना इस्तेमाल किया जाता है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है।
क्या होता है रिक्टर स्केल
भूकंप के समय भूमि में हुई कंपन को रिक्टर स्केल या मैग्नीट्यूड कहा जाता है। रिक्टर स्केल का पूरा नाम रिक्टर परिणाम परीक्षण ( रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल ) है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर जितनी ज्यादा होती है, भूमि में उतना ही अधिक कंपन होता है। जैसे-जैसे भूकंप की तीव्रता बढ़ती है नुकसान भी ज्यादा होता है। जैसे रिक्टर स्केल पर 8 की तीव्रता वाला भूकंप ज्यादा नुकसान करेगा। वहीं 3 या 4 की तीव्रता वाला भूकंप हल्का होगा।
चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है देश को
दरअसल भूकंप को लेकर देस को चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।
भूकंप की तीव्रता के हिसाब से क्या हो सकता है असर
- 0 से 1.9 की तीव्रता वाले भूकंप का पता सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही चलता है।
- 2 से 2.9 की तीव्रता वाले भूकंप से सिर्फ हल्की कंपन होती है।
- 3 से 3.9 की तीव्रता वाले भूकंप के दैरान ऐसा लगता की कोई ट्रक आपके बगल से गुजरा हो।
- 4 से 4.9 की तीव्रता वाला भूकंप खिड़कियां तोड़ सकता हैं।
- 5 से 5.9 की तीव्रता पर घर का सामान हिल सकता है।
- 6 से 6.9 की तीव्रता वाले भूकंप से इमारतों की नींव में दरार आ सकती है।
- 7 से 7.9 की तीव्रता वाला भूकंप इमारतों को गिरा सकता है।
- 8 से 8.9 की तीव्रता वाला भूकंप आने पर बड़े पुल भी गिर सकते हैं।
- 9 से ज्यादा की तीव्रता वाले भूकंप पूरी तरह से तबाही मचा सकते हैं। अगर समंदर नजदीक हो तो सुनामी भी आ सकती है।
भूकंप आने पर क्या करें?
- भूकंप आने के बाद अगर आप घर में हैं तो कोशिश करें कि फर्श पर बैठ जाएं। या फिर अगर आपके घर में टेबल या फर्नीचर है तो उसके नीचे बैठकर हाथ से सिर को ढक लेना चाहिए।
- भूकंप आने के दौरान घर के अंदर ही रहें और जब झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें।
- भूकंप के दौरान घर के सभी बिजली स्विच को आॅफ कर दें।
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