एथेंस (एजेंसी)। यूनान के हेराक्लियोन क्षेत्र में भूकंप के के तेज झटके महसूस किये गये जिसके कारण एक व्यक्ति की मौत हो गयी और 12 अन्य घायल हो गए। देश के जलवायु संकट एवं नागरिक सुरक्षा मंत्री क्रिस्टोस स्टाइलियानाइड्स ने बताया कि यूनानी द्वीप क्रेत के हेराक्लियोन क्षेत्र में सोमवार को 5.8 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किये गये। इसके कारण एक व्यक्ति की मौत हो गयी और 12 अन्य घायल हो गये। इसके अलावा सैकड़ों लोग बेघर हो गये हैं।
स्टाइलियानाइड्स ने द्वीप का दौरा करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हम वैज्ञानिकों के साथ घटना की निगरानी कर रहे हैं। हम तुरंत लगभग 2,500 लोगों को आश्रय एवं राहत प्रदान कर सकते हैं। टेंट लगाये जा रहे हैं तथा आश्रय के साथ भोजन भी मुहैया कराये जा रहे हैं। हेराक्लियोन शहर से कुछ किलोमीटर दक्षिण में स्थित एक छोटे से गांव अरकालोचोरी से दुखद तस्वीरें सामने आयी हैं। अधिकारी नुकसान का आकलन कर रहे हैं।
भूकंप का केंद्र सतह से 10 किमी की गहराई पर था
राजधानी एथेंस स्थित नेशनल आॅब्जर्वेटरी जियोडायनामिक्स इंस्टीट्यूट के भूकंप विज्ञानियों के अनुसार अरकालोचोरी गांव भूकंप के केंद्र के करीब था। भूकंप का केंद्र सतह से 10 किमी की गहराई पर था।अग्निशमन विभाग ने बताया कि भूकंप के कारण एक चर्च की मरम्मत कर रहे 62 वर्षी व्यक्ति की मलबे में दबने से मौत हो गई।
क्षतिग्रस्त इमारतों में रहने वाले लोगों से आग्रह किया गया है कि वे कम से कम तब तक बाहर रहें जब तक कि आकलन पूरा नहीं हो जाता क्योंकि कई बार भूकंप के कुछ समय बाद तक झटके आते रहते हैं। राष्ट्रपति कैटरीना सकेलारोपोलू ने पीड़ितों के प्रति संवदेना जताई है। प्रधानमंत्री क्यारीआकोस मित्सोटाकिस ने कहा कि वह भूकंप के कारण जान गंवाने वाले अपने साथी नागरिक के परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
क्यों आता है भूकंप
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है। इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट, क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर हिलती रहती हैं। जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है। ये प्लेट क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इसके बाद वह स्थिर रहते हुए अपनी जगह तलाशती हैं इस दौरान एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाता है।
कैसे मापा जाता जाता है भूकंप की तीव्रता
भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर स्केल का पैमाना इस्तेमाल किया जाता है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है।
भूकंप आने पर क्या करें?
- भूकंप आने के बाद अगर आप घर में हैं तो कोशिश करें कि फर्श पर बैठ जाएं। या फिर अगर आपके घर में टेबल या फर्नीचर है तो उसके नीचे बैठकर हाथ से सिर को ढक लेना चाहिए।
- भूकंप आने के दौरान घर के अंदर ही रहें और जब झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें।
- भूकंप के दौरान घर के सभी बिजली स्विच को आॅफ कर दें।
क्या होता है रिक्टर स्केल
भूकंप के समय भूमि में हुई कंपन को रिक्टर स्केल या मैग्नीट्यूड कहा जाता है। रिक्टर स्केल का पूरा नाम रिक्टर परिणाम परीक्षण ( रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल ) है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर जितनी ज्यादा होती है, भूमि में उतना ही अधिक कंपन होता है। जैसे-जैसे भूकंप की तीव्रता बढ़ती है नुकसान भी ज्यादा होता है। जैसे रिक्टर स्केल पर 8 की तीव्रता वाला भूकंप ज्यादा नुकसान करेगा। वहीं 3 या 4 की तीव्रता वाला भूकंप हल्का होगा।
भूकंप की तीव्रता के हिसाब से क्या हो सकता है असर
- 0 से 1.9 की तीव्रता वाले भूकंप का पता सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही चलता है।
- 2 से 2.9 की तीव्रता वाले भूकंप से सिर्फ हल्की कंपन होती है।
- 3 से 3.9 की तीव्रता वाले भूकंप के दैरान ऐसा लगता की कोई ट्रक आपके बगल से गुजरा हो।
- 4 से 4.9 की तीव्रता वाला भूकंप खिड़कियां तोड़ सकता हैं।
- 5 से 5.9 की तीव्रता पर घर का सामान हिल सकता है।
- 6 से 6.9 की तीव्रता वाले भूकंप से इमारतों की नींव में दरार आ सकती है।
- 7 से 7.9 की तीव्रता वाला भूकंप इमारतों को गिरा सकता है।
- 8 से 8.9 की तीव्रता वाला भूकंप आने पर बड़े पुल भी गिर सकते हैं।
- 9 से ज्यादा की तीव्रता वाले भूकंप पूरी तरह से तबाही मचा सकते हैं।
- अगर समंदर नजदीक हो तो सुनामी भी आ सकती है।
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