Weather Alert: यहाँ बरस सकते है बदरा!
हनुमानगढ़ (सच कहूँ/हरदीप)। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से अचानक मौसम ने करवट ली और तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश होने लगी। रात्रि करीब तीन बजे शुरू हुआ बारिश का दौर करीब एक घंटा चला। इससे सडक़ें व गलियां जलमग्न हो गईं। सुबह लोग उठकर घरों से बाहर निकले तो सडक़ों के किनारे पानी भरा नजर आया। बारिश की वजह से तापमान में गिरावट आने से हल्की सर्दी का भी अहसास हुआ। सुबह भी करीब 10 बजे कुछ देर तक बारिश हुई। क्षेत्र में करीब 45 किलोमीटर प्रति घंटा रफ्तार से तेज हवा चली। Hanumangarh News
मेघगर्जन, तेज हवाएं या एक-दो जगहों पर तेज मूसलाधार बारिश के प्रबल आसार
हनुमानगढ़ जिले में हनुमानगढ़ तहसील में सर्वाधिक 16 एमएम बारिश दर्ज की गई। तेज हवा चलने से दिन-रात के तापमान में भी काफी अंतर आया। तेज हवाओं व बारिश के कारण मोठ, ग्वार, मूंग के साथ पकाव पर खड़ी धान की फसल में नुकसान होने की बात किसान कह रहे हैं। मौसम विभाग की मानें तो प्रदेश में मानसून के विदा होने के बाद पहला पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के कारण यह परिवर्तन आया है। इस सिस्टम का असर एक-दो दिन और देखने को मिल सकता है। इससे कहा जा सकता है कि अब मौसम का मिजाज बदलने वाला है।
जहां पिछले दिनों दोपहर में गर्मी के चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था तो वहीं अब मौसम को लेकर राहत मिलने वाली है। अब लोगों को जल्द ही ठंड का एहसास हो सकता है। गौरतलब है कि मौसम विभाग की ओर से हनुमानगढ़ जिला क्षेत्र में 17 अक्टूबर तक मौसम में बदलाव रहने के आसार जताए गए थे। संगरिया स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र ग्रामोत्थान विद्यापीठ के पूर्वानुमान के अनुसार 17 अक्टूबर तक दोपहर बाद मेघगर्जन, तेज हवाएं तथा हल्की से मध्यम बारिश या एक-दो जगहों पर तेज मूसलाधार बारिश के भी प्रबल आसार हैं। 17 अक्टूबर से तापमान में गिरावट तथा कही-कहीं हल्के कोहरे की संभावना है। Hanumangarh News
इस दौरान अधिकतम तापमान 29.0 से 36.0 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 18.0 से 22.0 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। सापेक्ष आद्र्रता 18-66 प्रतिशत हो सकती है। इस दौरान हवा की गति 8-18 किमी प्रति घंटा हो सकती है। इसके बाद 18, 20 और 21 अक्टूबर को भी हल्की बारिश के आसार बन रहे हैं। संभावित मौसम को देखते हुए किसानों को सलाह दी गई है कि वे सरसों की बिजाई मौसम साफ होने की स्थिति तक स्थगित कर सकते हैं।
वर्षा आधारित बिजाई के लिए बीज, खाद की खरीद कर सकते हैं ताकि बारिश होने के बाद समय पर बिजाई सुनिश्चित की जा सके। खरीफ फसलों की गहाई अगर संभव हो तो जल्द पूर्ण करें। कृषि उपज मंडियों में खुले में पड़े अनाज व जिन्सों को सुरक्षित स्थान पर रखें ताकि भीगने से बचाया जा सके। फसलों में सिंचाई और छिडक़ाव कार्य बारिश की गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए करें।
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