सख्ती। प्रदेश भर के सभी 8600 निजी स्कूलों को आॅडिट रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश
-
शिक्षा स्वास्थ्य सहयोग संगठन की शिकायत पर शिक्षा निदेशालय ने लिया फैसला
भिवानी (सच कहूँ/इन्द्रवेश)। अगर आपके बच्चे किसी भी निजी स्कूल में (private schools) पढ़ते हैं तो ये खबर आपको और आपकी जेब को राहत देने वाली है। भिवानी के शिक्षा स्वास्थ्य सहयोग संगठन की शिकायत पर शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी 8600 निजी स्कूलों पर नकेल कसी है। सब ठीक रहा तो कोई भी निजी स्कूल जो लाभ में चल रहा है, वो नए सत्र से फीस वृद्धि नहीं कर पाएगा। संगठन का कहना है कि नियम लागू नहीं हुआ तो वो हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगें।हर कोई चाहता है कि उसके बच्चे अच्छे से अच्छे स्कूल में पढ़ें और ऊंचा मुकाम हासिल करें।
इसी चाह में पिछले दो-तीन दशकों से सूबे में सरकारी की बजाय निजी स्कूलों की बाढ़ सी आ गई
अभिभावकों की पहली पसंद बने ये निजी स्कूल अभिभावकों की लालसा के चलते लालच में साल दर साल फीस बढ़ोतरी करते रहे हैं। जिससे अभिभावकों की जेब ढ़ीली होती रहती है। पर क्या आपको मालूम है कि अभिभावकों के लिए निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर लगाम लगाने के लिए 24 साल पहले शिक्षा निदेशालय ने नियम बनाया था कि कोई भी निजी स्कूल लाभ में चलता है तो वो फीस बढ़ोतरी नहीं कर सकता।
निजी स्कूल संगठनों ने कहा-हमारे पास नहीं आए कोई निर्देश
इसे अभिभावकों की बदकिस्मत कहें या निदेशालय की कुंभकर्णी नींद कि आज तक ये नियम लागू नहीं हुआ। अब नियम को पढ़कर भिवानी के एडवोकेट व शिक्षा स्वास्थ्य सहयोग संगठन के अध्यक्ष बृजपाल परमार ने इसकी शिकायत 16 दिसंबर को शिक्षा निदेशालय को की। जिसके जवाब में कार्रवाई करते हुए निदेशालय ने सभी स्कूल संचालकों को फार्म 6 के साथ अपनी आॅॅडिट रिपोर्ट 31 दिसंबर तक जमा करवाने के सख्त निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों को लेकर निजी स्कूल संचालकों में हड़कंप मच गया है।
फीस वृद्धि के लिए विभाग के निदेशक से अनुमति लेनी जरूरी है
निदेशालय ने साफ कहा है कि जो भी स्कूल संचालक फार्म 6 के साथ अपने स्कूल की आॅॅडिट रिपोर्ट नहीं भेजेगा, उसका फार्म 6 अधूरा माना जाएगा और इस हाल में वो नए सत्र से फीस वृद्धि नहीं कर सकेगा। संगठन के अध्यक्ष ने कहा कि 1995 में निदेशालय द्वारा बनाए नियम के तहत कोई भी निजी स्कूल जो लाभ में चल रहा है, वो फीस बढ़ोतरी नहीं कर सकता। फीस वृद्धि के लिए विभाग के निदेशक से अनुमति लेनी जरूरी है।
साथ ही संगठन अध्यक्ष ने कहा है कि निदेशालय ये नियम समय रहते लागू नहीं करवाता तो वो संगठन की तरफ से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन के जिला प्रधान रामअवतार शर्मा ने कहा कि निजी स्कूलों के पास फिलहाल ऐसे कोई निर्देश नहीं आए हैं।उन्होंने कहा कि निदेशालय की तरफ से कोई भी निर्देश आएगा तो हर निजी स्कूल उन निर्देशों की पालना करेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि ये संगठन केवल सुर्खियां बटोरने के लिए ऐसे निर्देशों की अफवाह फैलाता है।
Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।