प्रवासी मजदूरों की आवाजाही को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को अपने-अपने अंतर्राज्जीय सीमाएं सील करने के आदेश दिए हैं। पिछले दो दिनों से दिल्ली, लखनऊ, अहमदाबाद सहित देश के कई महानगरों में लाखों मजदूर अपने घरों तक पहुंचने के लिए पैदल ही चल पड़े थे। जिस प्रकार की भीड़ वाली तस्वीरें मीडिया में सामने आई, उसने केंद्र व राज्य सरकारों को चिंता में डाल दिया। विशेष तौर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि यदि यह मजदूर अपने-अपने राज्यों में पहुंचेंगे फिर लॉकडाउन का कोई महत्व ही नहीं रहेगा। नीतिश कुमार की बात सही थी, क्योंकि भले ही ये मजदूर बसों में या पैदल आते, बीमारी के मद्देनजर यह भीड़ देश के लिए बड़ी समस्या उत्पन्न कर सकती है।
केंद्र सरकार ने हालातों को नियंत्रण में करने के लिए राज्य सरकारों को तुरंत सीमाएं सील करने के आदेश दे दिए। हालांकि लाखों मजदूरों को अपने घरों तक पहुंचाने के लिए लॉकडाउन से पहले ही सोचना चाहिए था, फिर भी कोरोना वायरस के बढ़ रहे प्रकोप को देखते हुए अब इस समस्या को लेकर आरोप-प्रत्यारोप करने का समय नहीं कि ये किसकी गलती है या किससे हुई है। जो भी हुआ, अब समय है केंद्र व राज्य सरकारें एकजुट होकर इस समस्या का हल निकालें क्योंकि ईटली, स्पेन व अमेरिका में यह बीमारी एक खतरनाक साबित हो रही है व इसकी चपेट में आने से लगातार लोगों की मौत हो रही है। स्पेन की राजकुमारी की मृत्यु, इंग्लैंड के प्रधानमंत्री चार्ल्स का वायरस से पीड़ित होने सहित विश्व के कई प्रसिद्ध लोगों के संक्रमित होने की खबरों के मद्देनजर देश को बचाना ही सबसे बड़ी जिम्मेवारी है।
केंद्र सरकार व राज्य सरकारों को अपने स्तर पर कदम उठाए हैं, जिसके बेहतर परिणाम भी सामने आए हैं। अब वक्त एक दूसरे को कोसने की बजाए एक दूसरे की मदद करने का है। बीमारी की रोकथाम के लिए देशवासियों द्वारा आर्थिक मदद देना भी सराहनीय प्रयास है। राज्य सरकारों की अब बड़ी जिम्मेवारी बन गई है कि जो भी प्रवासी मजदूर उनकी सीमाओं में दाखिल हो गए हैं, उनकी जांच करें व उन्हें निगरानी में रखना यकीनी बनाएं। जो मजदूर अभी सीमाएं नहीं पार कर सके, उन्हें वही रोका जाना चाहिए। ताजा हालातों व प्रबंधों के मद्देनजर यह कहा जा सकता है कि यदि लोग सरकारों का सहयोग करें फिर ही महामारी से निपटा जा सकता है। हाल ही में देश में 1190 के लगभग मरीज कोरोना से संक्रमित मिले हैं व 29 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। यूरोपीय देशों के मुकाबले हमारे यहां हालात ठीक हैं व मरीज ठीक भी हो रहे हैं। बेहतर हो यदि जनता जागरूक रहे और विदेशों से लौटे लोगों की सूचना प्रशासन को दें। बीमारी का कोई भी लक्ष्ण महसूस होने पर स्वास्थ्य विभाग को को तुरंत सूचित करें।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।