लापरवाह डॉक्टरों की खैर नही

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डिस्ट्रिक्ट मेडिकल बोर्डस फॉर नैग्लिजेंस गठित

सिविल सर्जन होंगे अध्यक्ष

चंडीगढ़ (सच कहूँ ब्यूरो)। निजी व सरकारी डॉक्टरों की चिकित्सकीय लापरवाही पर नकेल कसने के लिए राज्य सरकार ने अब हर जिले में जिला मेडिकल बोर्ड (डिस्ट्रिक्ट मेडिकल बोर्डस फॉर नैग्लिजेंस) के नाम से एक मेडिकल बोर्ड गठित किया है। यह जानकारी सरकारी प्रवक्ता ने दी। उन्होंने बताया कि डिस्ट्रिक्ट मेडिकल बोर्डस फॉर नैग्लिजेंस का गठन सर्वोच्च न्यायालय के 5 अगस्त, 2005 के आदेश की अनुपालना में किया गया है। प्रवक्ता बताया कि डिस्ट्रिक्ट मेडिकल बोर्ड्स फॉर नैग्लिजेंस में जिला के सिविल सर्जन अध्यक्ष के रूप में शामिल होंगे, जबकि प्रधान चिकित्सा अधिकारी या जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक इसके सदस्य सचिव होंगे।

रिकॉर्ड माँगने व अस्पतालों का निरीक्षण का भी अधिकार

उन्होंने कहा कि डिस्ट्रिक्ट मेडिकल बोर्डस फॉर नैग्लिजेंस चिकित्सा लापरवाही के लिए निजी या सरकारी डॉक्टरों या अस्पतालों के विरूद्ध सभी शिकायतों पर विचार करेगा और शिकायत से संबंधित किसी भी व्यक्ति की सहायता या किसी भी रिकार्ड को मांगने का अधिकार होगा। बोर्ड के पास मामले की आवश्यकता अनुसार अस्पताल परिसरों का निरीक्षण करवाने की शक्ति होगी।

कार्रवाई से पहले बोर्ड से राय लेगा जांच अधिकारी

उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी लापरवाही के आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले डिस्ट्रिक्ट मेडिकल बोर्डस फॉर नैग्लिजेंस से एक स्वतंत्र और सक्षम चिकित्सा राय लेगा। बोर्ड जांच में एकत्रित किए गए तथ्यों के लिए बोलम परीक्षण करवाने के लिए एक निष्पक्ष राय देगा और शिकायत प्राप्त करने के लिए एक पारदर्शी प्रक्रिया तैयार करेगा।

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