नई दिल्ली (एजेंसी)। आपने अक्सर देखा होगा कि हमारे समाज में इन्सान में ही बदला लेने की प्रवृति पाई जाती है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी खबर के बारे में बताने जा रहे है कि इन्सान ही नहीं बल्कि जानवर भी बदला लेना जानते है। ऐसा एक वाक्य कर्नाटक केचिक्कमगलूर जिले से सामने आया है, जहां पर एक बंदर एक शख्स से बदला लेने के लिए 22 किलोमीटर तक गया, इतना ही नहीं बंदर ने उस शख्स के लिए एक विलेन बना हुआ है। पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर इस बंदर की खूब चर्चा हो रही है।
बंदर ने अपना शिकार ऑटो चालक ही क्यों बनाया?
आपको बता दें कि यह घटना चिकमगलूर जिले के कोट्टिघेरा गांव में कुछ दिनों से 5 वर्ष्ज्ञ का एक बंदर ने आतंक मचा रहा था। वहां के लोग इस बंदर से काफी परेशान थे। लोगों की परेशानी देखकर एक ऑटो ड्राइवर ने बंदर को पकड़वाने में वन विभाग की मदद कर रहा था, अचानक ऑटो चालक पर बंदर ने हमला कर दिया। जैसे ही ऑटो चालक ने भागने की कोशिश की तो बंदर ने उसे दौड़ा लिया। जैसे ही चालक अपने ऑटो-रिक्शा में गया, बदमाश बंदर ने आगे बढ़कर ऑटो की सीट के कवर को फाड़ दिया।
जब बंदर ने तय किया 22 किलोमीटर का सफर
इसके बाद वन विभाग की टीम बंदर को पकड़ लिया और जंगल गई। वहां छोड़ आई। जिसके बाद बंदर के निशाने पर ऑटो चालक जगदीश आ गए। बंदर के पकड़े जाने के बाद एक हफ्ते गांव में शांति रही लेकिन बंदर 22 किमी का सफर तय कर फिर से गांव में पहुंच गया। इस बार बंदर ने किसी और को कोई नुकसान नहीं पहुँचाया। उसका टारगेट सिर्फ और सिर्फ ऑटो चालक जगदीश था।
ऑटो चालक बंदर के खौफ से घर से नहीं निकल पाया
ऑटो चालक बंदर के खौफ से घर से नहीं निकल पा रहा था। जगदीश ने बताया, जब मैंने सुना कि बंदर गांव में वापस आ गया है, तो मुझे लगा अब मैं नहीं बचने वाला हूं। मैंने खुद वन विभाग को फोन किया और उन्हें फौरन आने के लिए कहा। इस दौरान मैं घर में ही छिपा रहा। मुझे पता है कि यह वही बंदर है क्योंकि पिछली बार हम सभी ने उसके कान पर एक निशान देखा था। 22 सितंबर को उसे फिर से जंगल छोड़ा गया, जिससे ऑटो चालक ने चैन की सांस ली।
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