पूज्य गुरु जी की पावन शिक्षा की बदोलत इंसानियत की सेवा में जुटे सवा 6 करोड़ लोग
चंडीगढ़(सच कहूँ/एम के शायना)। स्वार्थ, ये शब्द छोटा है लेकिन इसकी भूमिका आज समाज की जड़ों में इस कदर फैल चुकी है कि इंसानियत दम तोड़ रही है। लालच, हत्या, भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी, लूट ये शब्द अखबारों की सुर्खियां बन चुके हैं। इस स्वार्थ की दौड़ में हर शख्स को सिर्फ और सिर्फ अपनी चिंता हैं। उसे न तो किसी का दर्द महसूस होता है और न ही किसी की तकलीफ दिखाई देती हैं। ऐसे में सवा 6 करोड़ लोग ऐसे भी हैं जो आज भी इंसानियत व मानवता को जिंदा रखने के लिए हर वक्त तैयार खड़े हैं। डेरा सच्चा सौदा के ये अनुयायी पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के एक आह्वान पर दूसरों की जिन्दगी बचाने के लिए अपनी जिन्दगी भी दांव पर लगा देते हैं।
कोरोना संक्रमण से निपटने में पूज्य गुरु जी का मार्गदर्शन रहा काबिल-ए-तारीफ
कहते हैं संतों का हर काम सृष्टि की भलाई के लिए होता है और ये पूज्य गुरु जी ने सत्य भी कर दिखाया है। जिन्होंने कोरोना काल के दौरान भी रूहानी पत्रों के माध्यम से न केवल समाज व देश का मार्गदर्शन किया बल्कि कोरोना वॉरियर्स की भी सुध ली। कोरोना संक्रमण के दौरान जब हर कोई अपने घरों में दुबक कर बैठे थे, तब पूज्य गुरु जी के आह्वान पर ही करोड़ों डेरा श्रद्धालु मसीहा बनकर मानवता की मदद को आगे आए। शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने प्रशासन की अपील पर स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, थाने और धार्मिक स्थलों को सैनिटाइज किया। सेवादारों द्वारा कोरोना मरीजों को अस्पताल तक ले जाने के लिए फ्री एंबुलेंस सेवाएं शुरू की गई। इंसानियत का फर्ज अदा करते हुए हर संभव मदद पहुंचाई गई।
अरूण इन्सां को सैल्यूट!
बात वैक्सीनेशन ट्रायल की करें तो इसमें भी डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी आगे रहे। जब देश में इस जानलेवा वायरस का कोई इलाज नहीं था तब वैक्सीन ट्रायल के लिए अंबाला निवासी अरूण इन्सां सबसे पहले आगे आए। इसके पश्चात पीजीआई रोहतक में कोरोना वैक्सीन के तीन ट्रायल उनके शरीर पर किए गए, जो सफल रहे। ट्रायल से पहले किसी को नहीं पता था कि इस दवा का क्या असर रहेगा, इसके बावजूद अरूण इन्सां ने अपनी जान की परवाह न करते हुए पूज्य गुरु जी के मार्गदर्शन से देश हित को ही सर्वोपरि रखा। जिसके लिए हाल ही में उनको दादा साहेब फाल्के आइकॉन अवार्ड फिल्मस आरगेर्नाइजेशन द्वारा बेस्ट आइकन बीइंग 2022 अवार्ड देकर सम्मानित किया है।
आंकड़े ब्यां करते मानवता की सच्चाई
राष्ट्रीय दैनिक सच कहूँ समाचार पत्र में प्रकाशित आंकड़ों पर नजर डाले तो पिछले साल मानवता भलाई के जो कार्य डेरा अनुयायियों ने किये है वो और कोई नहीं कर सकता। पूज्य गुरु जी की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए डेरा अनुयायियों द्वारा कोरोना काल में 4 हजार 766 यूनिट रक्तदान किया गया है, 29 लोगों द्वारा मरणोपरांत नेत्रदान किए गए हैं और 1लाख 13 हजार 967 लोगों को क्लॉथ बैंक से तन ढकने के लिए कपड़े दिए गए।
डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी मरणोपरांत शरीर दान भी करते हैं। अमर सेवा मुहिम के तहत 89 के करीब मृतदेह मेडिकल रिसर्च के लिए दान की गई। वहीं ‘आशीर्वाद मुहिम’ के तहत 61 जरूरतमंद लड़कियों की शादी करवाई गई। ‘आशियाना मुहिम’ तहत 75 बेघरों को पूरा घर बनाकर सेवादारों द्वारा दिया गया। वातावरण को शुद्ध रखने के लिए 25 लाख तीन हजार 793 पौधे लगाए गए। और वहीं इंसानियत मुहिम के तहत आवारा घूम रहे 17 मंदबुद्धियों को उनके परिजनों सुपुर्द किया गया। गौरतलब हैं कि ये आंकड़े वर्ष 2020 के हंै।
पूरी सृष्टि पूज्य गुरु जी की ऋणी: सुनीता इन्सां
45 मेंबर कमेटी की सदस्या सुनीता इन्सां का कहना है कि आज जो समाज में बदलाव आया है वो पूज्य गुरु जी की पावन शिक्षाओं को ही जाता है। पूज्य गुरु जी ने समाज ही नहीं पूरे विश्व का भला किया है। पूज्य गुरु जी द्वारा जो कार्य किये गए वो ऐतिहासिक बन गए। महिलाओं के सम्मान को लेकर पूज्य गुरु जी ने जो कदम उठाए वो कोई नहीं उठा सकता है। इस सृष्टि का कण कण पूज्य गुरु जी की रहमतों का ऋणी रहेगा।
दूसरों का दु:ख दूर कर रहे डेरा अनुयायी: अजय शर्मा
ह्यूमन वेल्फेयर मंच पंजाब के प्रधान अजय शर्मा ने बताया कि आजकल लोग अपने स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक गिर रहे हैं। पर मैंने देखा है कि डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी हर किसी के दुख को दूर करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों का नि:स्वार्थ भाव से समाज की भलाई करना बहुत काबिले तारीफ है, अगर इसी तरह समाज का हर व्यक्ति बिना किसी स्वार्थ के, बिना किसी भेदभाव के दूसरों की सहायता करे तो देश में मानवता व इंसानियत तेजी से बढ़ेगी।
अपनी जान की भी नहीं परवाह करते डेरा अनुयायी: पवन गुप्ता
शिवसेना हिंदुस्तान प्रमुख, पवन गुप्ता ने बताया कि डेरा सच्चा सौदा संस्था इंसानियत के रखवाले है। देश में कहीं भी कोई आपदा आती है तो मैंने देखा है डेरा सच्चा सौदा के सेवादार अपनी जान की परवाह ना करते हुए हर जोखिम स्थिति में पहुंचकर लोगों को बचाते हैं। ऐसी सेवा भावना सिर्फ पूज्य गुरु जी ही पैदा कर सकते हैं। उन्हीं की शिक्षाओं की बदौलत समाज में बदलाव आया है।
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