मुंबई (एजेंसी)। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के लगातार जारी निवेश प्रवाह और कंपनियों के उम्मीद से बेहतर तिमाही परिणाम की बदौलत हुई चौतरफा लिवाली से आज शेयर बाजार के शुरूआती कारोबार में तूफानी तेजी रही। बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 780.09 अंक अर्थात 0.99 प्रतिशत की छलांग लगाकर करीब साढ़े तीन महीने के उच्चतम स्तर और 79 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 79,333.29 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 239.85 अंक यानी 1.01 अंक उछलकर 24 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 24,091.50 अंक हो गया।
कारोबार शुरू होत ही सेंसेक्स 350 अंक की दमदार तेजी के साथ 78,903.09 अंक पर खुला और खबर लिखे जाने तक यह 78,776.06 अंक के निचले जबकि 79,355.41 अंक के उच्चतम स्तर पर रहा। इसी तरह निफ्टी भी 98 अंक बढ़कर 23,949.15 अंक पर खुला और 23,903.65 अंक के निचले जबकि 24,099.60 अंक के उच्चतम स्तर पर रहा। निवेश सलाहकार कंपनी जियोजित इंवेस्टमेंट लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वी. के. विजय कुमार ने कहा, ह्लवैश्विक आर्थिक परिदृश्य भले ही अनिश्चितता से घिरा हो लेकिन भारत अपनी मजबूत आर्थिक बुनियाद और स्थिरता के चलते विदेशी निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनकर उभरा है। देश छह प्रतिशत से अधिक की विकास दर के साथ एकमात्र बड़ी अर्थव्यवस्था है, जो मंद वैश्विक वातावरण के बीच भी लचीलापन दिखा रही है। डॉलर में हालिया गिरावट के चलते भारत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) का प्रवाह और तेज होने की संभावना है।
एफपीआई का ध्यान वित्तीय, दूरसंचार, विमानन, होटल, आॅटो, रियल एस्टेट, सीमेंट और हेल्थकेयर जैसे घरेलू खपत-आधारित क्षेत्रों पर केंद्रित रहेगा। वहीं, डिजिटल स्पेस में चुनिंदा ग्रोथ स्टॉक्स में भी तेजी की संभावना जताई गई है। हालांकि, आईटी समूह पर दबाव बरकरार रहने की उम्मीद है क्योंकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में संभावित मंदी इस क्षेत्र की वृद्धि संभावनाओं को प्रभावित कर सकती है। उनका मानना है कि आने वाले महीनों में भारत और अमेरिका के बीच संभावित व्यापार समझौता भारत के लिए रणनीतिक रूप से लाभकारी सिद्ध हो सकता है, जिससे निवेशकों की धारणा और मजबूत होगी।