6 और पुण्य कार्यों की हुई शुरूआत28 फरवरी
162. ‘हैल्थी हार्ट कंपेन’: साध-संगत दिल को तंदरूस्त रखने के लिए मेडिटेशन करने, शूगर फ्री खाने-पीने व नशा न करने व दूसरों को भी इस संबंधी जागरुक करेगी। जरूरतमंद दिल के रोगों से पीड़ितों का ईलाज करवाएगी।
30 अप्रैल
163. पालतू संभाल: पशुओं को आवारा नहीं छोड़ेंगे व पूरी संभाल करेंगे।
15 अगस्त
164. अनाथ व बेसहारा बुजुर्गों, जिनकी संतान की मौत हो चुकी है, उनको साध-संगत गोद लेकर अपने माता-पिता की तरह उनकी संभाल करेगी।
165. साध-संगत अनाथ वृद्ध आश्रमों में अपने बच्चों के साथ जाकर बुजुर्गों के साथ समय बिताएगी ताकि औलाद की कमी महसूस न हो। इसके तहत जहां बुजुर्ग महिलाएं होंगी, वहां परिवार बेटी को साथ लेकर जाएगा व जहां बुजुर्ग पुरूष होंगे, वहां छोटे बच्चों को साथ लेकर जाएगा।
166. आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों के होनहार बच्चे, जो कॉम्पीटेटिव एग्जाम (नौकरियां प्राप्त करने के लिए परीक्षा) की तैयारी करना चाहते हैं। उनकी साध-संगत आर्थिक रूप से मदद कर कोचिंंग दिलाएगी ताकि वह बच्चे अच्छा अधिकारी बनकर देश की सेवा कर सकें।
1 सितंबर
167. थिंक: बढ़ रहे दिल के रोग (हार्ट अटैक) व कैंसर रोगों की रोकथाम के लिए भलाई कार्य। जिसके तहत साध-संगत लोगों को अच्छे भोजन के बारे में बताएगी, ताकि नैचुरल इम्यूनिटी बढ़े व कैंसर व दिल के रोगों से लोगों का जीवन बचाया जा सके।
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