Statue of Chhatrapati Shivaji: जयपुर (गुरजंट धालीवाल)। धातु के विश्व प्रसिद्ध मूर्तिकार जयपुर निवासी राजकुमार पंडित (Sculptor Rajkumar Pandit) द्धारा करीब दो साल में तैयार की गई देश की पहली घोड़े पर सवार छत्रपति शिवाजी की सबसे बड़ी प्रतिमा इसी साल मुंबई में स्थापित की जाएगी। लगभग 12 टन वजनी इस मूर्ति को बनाने में 30 कारीगरों की कड़ी मेहनत का परिणाम है कि घोड़े पर सवार शिवाजी की देश में सबसे बड़ी मूर्ति होगी। Jaipur News
जयपुर के मूर्तिकार राजकुमार पंडित ने दो साल में बनाई मूर्ति
इसके अलावा राजकुमार पंडित द्धारा जयपुर के आकेड़ा डूंगर में 108 फुट ऊंची भगवान परशुराम की मूर्ति भी बनाई जा रही है, जिसका वजन करीब 40 टन होगा। यह मूर्ति उतरप्रदेश में स्थापित होगी। साथ ही जयपुर में ही रामायण का लेखन करते हुए स्वामी तुलसीदास की 12 फुट की बैठक मुद्रा में मूर्ति बनाई जा रही है, जो कि यूपी के चित्रकूट जिले में लगेगी। अपने आगामी प्रोजेक्ट्स के बारे में जानकारी देते हुए राजकुमार पंडित ने बताया कि यूपी के कानपुर देहात में रानी लक्ष्मीबाई, आगरा में महाराजा सूरजमल व हाथरस जिले में स्वतंत्रता सेनानी मलखान सिंह की 12-12 फीट की धातु से बनीं मूर्तियां लगाई जाएंगी। इनका निर्माण राजकुमार पंडित व उनकी 30 सदस्यीय टीम कर रही है।
विदेशी भी राजकुमार पंडित की कला के मुरीद | Jaipur News
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के कई पॉपुलर लीडर की मेटल स्टैच्यू बनाने वाले राजकुमार पंडित ने जीवन की विपरीत परिस्थितियों के बाद भी अपने हुनर की चमक पूरी दुनिया में बिखेरी है। राजकुमार पंडित को 18 देशों से धातु की मूर्तियों के प्रोजेक्ट मिले हैं। अमेरिका में अरबपति चार्ली मुंगर और अरबपति बिजनेसमैन वारेन वफेट की 10-10 मूर्तियां बनाकर भेजने के बाद अब इन दोनों की 10-10 और मूर्तियां बनाने का दुबारा आर्डर मिला है। ये मूर्तियां इनके 10 देशों में संचालित कार्यालयों में लगेंगी। यही नहीं धातु की मूर्तियों में प्रसिद्ध इटली जैसे देश में भी राजकुमार पंडित की कला के मुरीद हैं। इन्होंने इटली में धातु की मूर्तियां बनाकर भेजी हैं।
देश के इन राज्यों में लगाईं सैकड़ों मूर्तियां | Statue of Chhatrapati Shivaji
राजस्थान सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में उनकी बनाई गई स्टैच्यू लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर लेती हैं। राजस्थान विधानसभा का अशोक स्तंभ, जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम के बाहर अर्जुन की प्रतिमा, घोड़े पर विराजमान छत्रपति शिवाजी, जयपुर का ही पीकॉक गार्डन, कोटा में पंडित जवाहरलाल नेहरू का 42 फीट का मास्क सहित अनेक उपलब्धियां इनके खाते में हैं। मूर्तिकार राजकुमार पंडित अब सबसे ऊंची मूर्ति भगवान परशुराम की बना रहे हैं, जिसकी ऊंचाई 108 फीट की है। यह मूर्ति लखनऊ में लगेगी। इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की लखनऊ, जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम के बाहर अर्जुन की मूर्ति, घोड़े पर विराजमान छत्रपति शिवाजी, भारत माता, शहीद-ए-आजम भगत, राजगुरु, सुखदेव, बप्पा रावल, राणा पूंजा, डॉ. बीआर अंबेडकर, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, महाराणा प्रताप, वीर सावरकर, स्वामी विवेकानंद, चाणक्य की मूर्तियां राजकुमार ने ही बनाई हैं।
संसद भवन में बनाई पहली मूर्ति
राजकुमार ने बालकृष्ण गुरु के दिशा-निर्देशन में संसद भवन में पहली बार गांधी जी की धातु की मूर्ति बनाई। साल 1997 में वे काम की तलाश में जयपुर पहुंचे। राजस्थान में उनकी बनाई मेटल की पहली स्टैच्यू जोधपुर की मसूरिया पहाड़ी पर लगने वाली वीर दुगार्दास राठौड़ की है। इसके बाद जयपुर स्थित सचिवालय भवन में महात्मा गांधी की प्रतिमा व राजस्थान विधानसभा में अशोक स्तंभ बनाया।
मूर्तिकार हिम्मत शाह ने दिया मौका
मूर्तिकार हिम्मत शाह को राजकुमार पंडित अपना आदर्श मानते हैं। उन्होंने जयपुर में सबसे पहले हिम्मत शाह के साथ ही काम करना स्टार्ट किया था। वे कहते हैं-2004 तक महज 4000 रुपए की मासिक सैलरी मिलती थी। सात भाई-बहनों में सबसे बड़ा होने के नाते परिवार की जिम्मेदारी आ गई। वेतन बेहद कम होने के कारण घर चला पाना मुश्किल हो रहा था। हिम्मत शाह ने टैलेंट को पहचाना और एक लाख रुपए का आर्थिक सहयोग देकर वर्क्स फॉर आर्टिस्ट फाउंड्री कंपनी स्थापित करवाई। इस कंपनी के जरिए जयपुर के मालवीय नगर में पंडित ने पीकॉक गार्डन का प्रोजेक्ट लिया।
कोटा में लगाया विश्व का सबसे बड़ा मास्क
कोटा में लगा पंडित जवाहरलाल नेहरू का 42 फीट का मास्क विश्व का सबसे बड़ा है। इसके अलावा कोटा में ही 45 फीट का फाउंटेन, 18 फीट की स्वामी विवेकानंद की मूर्ति, 12 फीट की महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू व सरदार पटेल की समूह चर्चा की मुद्रा में मूर्तियां स्थापित की हैं। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत रावतभाटा, नाथद्वारा, अजमेर के सेवन वंडर पार्क में स्टैच्यू आफ लिबर्टी सहित कई मूर्तियां लगाई गई हैं। पंडित द्वारा बनाई गई मूर्तियां बेल्जियम, सिंगापुर, फ्रांस, इंग्लैंड, अमेरिका, सूडान, पेरू, चीन सहित 15 देशों में लगाई जा चुकी हैं।
मिल चुके हैं कई सम्मान
वर्क्स फॉर आर्टिस्ट फाउंड्री के डायरेक्टर राजकुमार पंडित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत व पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, राज्यपाल कलराज मिश्र और कर्नाटक व उतराखंड सरकार से सम्मानित हो चुके हैं। हाल ही में जयपुर प्रवास के दौरान राष्टÑपति द्रोपदी मुर्मु ने राजभवन में राजकुमार पंडित से विशेष चर्चा की। इस दौरान राजकुमार पंडित ने राष्टपति को उन्हीं का धातु से बनाया स्मृति चिन्ह भेंट किया।
कभी श्मशान में रहने को मजबूर थे राजकुमार पंडित | Jaipur News
राजकुमार पंडित के बचपन में सिर से मां का साया उठ गया। आर्थिक तंगी से जूझते हुए कड़ी मेहनत और लगन से मेटल (धातु) की मूर्ति निर्माण में महारथ हासिल कर देश-विदेश में प्रसिद्धि पाई। राजकुमार आज न केवल 50 से अधिक लोगों को रोजगार दे रहे हैं, बल्कि उनके इस काम में उनकी धर्मपत्नी व दोनों बेटे कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे हैं। राजकुमार पंडित का सालाना कारोबार करोड़ों में है। राजकुमार की कड़ी मेहनत और लगन का ही परिणाम है कि राष्टपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही नहीं, बल्कि कई राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल तक इनकी कला की प्रशंसा की है।
दादा से सीखा हुनर | Jaipur News
बिहार के नालंदा जिले के गांव सिंदुआरा में 4 अगस्त 1977 को जन्मे राजकुमार सात भाई-बहनों में तीसरे नंबर के हैं। उनको बचपन से ही मूर्ति निर्माण में रुचि थी, जिसे दादा शिवचरण पंडित ने पंख दिए। करीब 12 साल की उम्र में ही उन्होंने मिट्टी से बर्तन व देवी-देवताओं की मूर्तियां बनानी शुरू कर दी थीं। इसी हुनर को प्रोफेशन बनाने के लिए 1994 में वे दिल्ली आ गए। राजकुमार ने दिल्ली चौक-चौराहों पर लगी धातु की मूर्तियों देखकर नई दिल्ली स्थित मॉर्डन आर्ट आफ स्कूल से मूर्ति निर्माण का प्रशिक्षण लिया। Jaipur News
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