आपातकालीन स्थिति में राष्ट्रीय सरकार को महामारी से लड़ने के लिए संसद की मंजूरी के बिना महामारी पर काबू पाने को लेकर कोई भी निर्णय लेने की अनुमति होती है।
सरकार को इस बात को समझना होगा कि सामाजिक क्षेत्र में सुधार के बिना आर्थिक सुधार अपने आप में अभिशाप बन सकते हैं क्योंकि यदि सामाजिक क्षेत्र कमजोर होगा तो पूरी प्रणाली धराशायी हो सकती है।
तमाम दावों और घोषणाओं के बावजूद देश में जहरीली शराब मौत का पर्याय बनी हुई है। न तो इसके अवैध निर्माण का कारोबार बंद हुआ है और न ही बिक्री पर रोक लग पाई है। नतीजतन हर साल जहरीली शराब से सैंकड़ों लोग बेमौत मारे जाते हैं।