ईंट भट्ठों के आंकड़े से अनजान विभागों के अधिकारी, कैसे रुकेगा प्रदूषण
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हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मान रहा 222 ईंट भट्ठे, खाद्य आपूर्ति विभाग के पास सिर्फ 137 की सूची
भिवानी (सच कहूँ/इन्द्रवेश)। एक्यूआई बढ़ने के साथ ही लगातार हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा हैं, मगर ईंट भट्ठों से होने वाले प्रदूषण को लेकर सरकारी विभागों के अधिकारी अभी भी शायद अनजान ही हैं, क्योंकि उन्हें सही से ये तक पता नहीं हैं कि जिले में आखिर ईंट भट्ठे कितने हैं। इसी की एक बानगी आरटीआई में मांगी गई जानकारी में सामने आई है। हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी जिले में 222 ईंट भट्ठे मान रहे हैं, जबकि जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के रिकार्ड में सिर्फ 137 ईंट भट्ठे हैं। हैरानी तो इस बात की भी है कि जिगजेग तकनीक से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सिर्फ 115 ईंट भट्ठों को ही अनुमति मिली हुई है।
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक कार्यालय से ईंट भट्ठों से जुड़ी जानकारी जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी थी। दोनों ही विभागों ने आरटीआई में मांगी सूचनाओं का जवाब दिया, लेकिन दोनों ही विभागों ने ईंट भट्ठों के संबंध में विरोधाभारी जवाब दिए। बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि हरियाणा प्रदूषण निंयत्रण बोर्ड की आरटीआई के जवाब में बताया गया कि जिले में 222 ईंट भट्ठे हैं, जिसमें से 115 ईंट भट्ठे बोर्ड द्वारा अनुमति प्राप्त हैं। जबकि 107 ईंट भट्ठों के पास कोई अनुमति नहीं है। किसी भी विभाग के पास कितने ईंट भट्ठे चल रहे हैं, इसका कोई जवाब तक नहीं हैं, जबकि एनजीटी के आदेशों के अनुसार फिलहाल प्रदूषण का हवा में स्तर बढ़ने के कारण ईंट भट्ठों को पूरी तरह से बंद कराया हुआ है।
बृजपाल सिंह ने बताया कि जिले में ईंट भट्ठों व पेट्रोल पंप संबंधी मामलों की निगरानी जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा ही की जाती हैं। ईंट भट्ठों का पूरा रिकार्ड भी जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के पास होता है, जबकि ईंट भट्ठों का जिगजेग तकनीक से संचालन करने के लिए हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति अनिवार्य है। मगर आरटीआई में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और खाद्य आपूर्ति विभाग की सूचनाओं के जवाब भी भिन्न यानी अलग-अलग हैं। खाद्य आपूर्ति विभाग ने आरटीआई के जवाब में 137 ईंट भट्ठे बताए हैं। जिनके नामों की सूची भी आरटीआई कार्यकर्ता को उपलब्ध कराई है।
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